Kargil Vijay Diwas: कारगिल युद्ध में राजवीर सिंह ने दिया था सर्वोच्य बलिदान
कारगिल युद्ध के दौरान गढ़ी पट्टी निवासी लांस नायक राजवीर सिंह ने अपने देश की रक्षा के लिए शहादत दी थी। उनकी शहादत को लेकर गढी पट्टी में प्रत्येक साल उनकी याद में बनाए गए स्मारक स्थल पर शहीदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

होडल (पलवल) [चंद्रप्रकाश गर्ग]। कारगिल युद्ध के दौरान भारत के वीर सैनिकों ने वीरता की अद्भुत मिसाल पेश की। भारतीय वीरों ने कई बार अपने बलिदान और शौर्य से पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम किया है। 1999 में भारतीय सेना ने आपरेशन विजय चलाकर कारगिल से पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया गया। करीब दो महीने तक चली इस लड़ाई में देश के करीब 500 सैनिकों ने अपना बलिदान दिया, जिनमें जिले के गांव गढ़ी पट्टी निवासी राजवीर सिंह भी शामिल थे।
कारगिल युद्ध के दौरान गढ़ी पट्टी निवासी लांस नायक राजवीर सिंह ने अपने देश की रक्षा के लिए शहादत दी थी। उनकी शहादत को लेकर गढी पट्टी में प्रत्येक साल उनकी याद में बनाए गए स्मारक स्थल पर शहीदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें आसपास क्षेत्र के ग्रामीण, राजनीतिक व समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शहीद राजवीर की शहादत के बाद गढ़ी पट्टी में उनके नाम पर एक विद्यालय तथा होडल से गढी पट्टी जाने वाले सड़क मार्ग का नाम रखा गया है।
उनका जन्म 15 मार्च, 1967, को गढी पट्टी के सामान्य परिवार में हुआ। उनके परिवार ने माता सुरजा देवी, भाई प्रताप सिंह, लालसिंह एवं भतीजे प्रीतम सिंह, रंजीत सिंह व संजीव कुमार गढ़ी पट्टी में अपने बच्चों के साथ रहते हैं। शहीद राजवीर सिंह के पिता गंगालाल का देहांत हो चुका है।
राजबीर सिंह ने गढ़ी पट्टी एवं होडल के विद्यालयों से शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत 11 मार्च 1988 में 17 जाट रेजिमेंट बरेली में भर्ती हुए थे। कारगिल युद्ध के दौरान सात जुलाई को लांस नायक राजवीर सिंह घुसपैठियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। शहीद राजवीर सिंह की शहादत को लेकर आज भी आसपास के गांव के लोग उनकी शहादत को नमन करते हैं। राजवीर की शहादत पर परिवार के साथ पूरा गांव उनकी बहादुरी पर गर्व करता है।
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