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    Nuh Violence: फिर से निकलेगी जलाभिषेक यात्रा, पलवल में हुई महापंचायत का फैसला; हिंसा की NIA से जांच की मांग

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Sun, 13 Aug 2023 04:43 PM (IST)

    नूंह जिले में हुई हिंसा को लेकर हिंदू संगठनों की तरफ से रविवार को पलवल जिले के गांव पोंडरी में एक महापंचायत आयोजित की गई। जिसमें सोनीपत पलवल फरीदाबाद गुरुग्राम व नूंह जिले के लोग शामिल हुए। इस दौरान जलाभिषेक यात्रा को फिर से निकालने के साथ कई अन्य फैसले लिए गए। इसके अलावा फिरोजपुर झिलरका के विधायक को गिरफ्तार करने की मांग की गई।

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    हिंदू संगठनों की तरफ से रविवार को पलवल जिले के पोंडरी गांव में महापंचायत का आयोजन किया गया।

    पलवल, जागरण संवाददाता। नूंह जिले में हुई हिंसा को लेकर हिंदू संगठनों की तरफ से रविवार को पलवल जिले के गांव पोंडरी में एक महापंचायत आयोजित की गई। जिसमें सोनीपत, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम व नूंह जिले के लोग शामिल हुए। इस दौरान जलाभिषेक यात्रा को फिर से निकालने के साथ कई अन्य फैसले लिए गए।

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    बजरंग दल के प्रदेश संयोजक भारत भूषण, सोहना के विधायक संजय सिंह, पलवल से पूर्व विधायक सुभाष चौधरी समेत विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

    कुछ यही नेता हर जगह पंचायत कर रहे हैं। गुरुग्राम में गांव तिगरा में हुई पंचायत में भी यही नेता थे। इसी तरह की मांग उठाई थी।

    फिरोजपुर झिरका के विधायक को गिरफ्तार करने की मांग

    नूंह भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र आर्य ने नूंह हिंसा का जिम्मेदार फिरोझपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग उठाई। वहीं, पलवल भाजपा के जिलाध्यक्ष ने कहा 28 अगस्त पूरी दम के साथ भव्य तरीके से दोबारा ब्रज मंडल यात्रा निकाली जाए।

    महापंचायत में लिए गए फैसले और रखी गई मांगें-

    • 28 अगस्त दोबारा निकाली जाएगी ब्रज मंडल यात्रा।
    • नूंह हिंसा में शामिल जिन उपद्रवियों के खिलाफ मकदमें दर्ज हुए हैं, उनकी सुनवाई नूंह अदालत की जगह दूसरी किसी जिले में की जाए।
    • हिंसा में मारे गए लोगों के स्वजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग। इसके साथ ही घायलों को पचास-पचास लाख रुपये का मुआवजा।
    • नूंह हिंसा के पूरे घटनाक्रम की एनआईए से जांच की मांग।
    • हिंसा के दौरान नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाए।
    • बांग्लादेशी मुस्लिमों और रोहिंग्याओं को जिले से निकाला जाए।
    • पलवल-नूंह के हिंदुओं को लाइसेंसी हथियार दिए जाएं।
    • आरएएफ या एचपीए की टुकड़ी नूंह में परमानेंट स्थापित की जाए।
    • नूंह जिले का दर्जा खत्म किया जाए।
    • सभी हिंदू अपने यहां गाय पालें।
    • नूंह हिंसा के बाद पलवल, गुरुग्राम, सोहना में हुए उपद्रव के दौरान फंसाए गए लोगों के मुकदमें रद किए जाएं।