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    दिल्ली-NCR में यहां पर तेजी से फैल रहा साइबर ठगों का जाल, आठ महीने में ही ढाई हजार शिकार

    पलवल जिले में साइबर अपराध बढ़ रहा है जहां ठग नए तरीकों से लोगों को धोखा दे रहे हैं। हर दिन लगभग 10 मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस ने एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया और कई अपराधियों को गिरफ्तार किया है। 2024 की तुलना में 2025 में साइबर अपराध के मामलों में 25% की वृद्धि हुई है। पुलिस लोगों को सतर्क रहने के लिए प्रोत्साहित करती है।

    By kulveer singh chauhan Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 27 Aug 2025 01:52 PM (IST)
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    पलवल में साइबर अपराध का बढ़ता खतरा पुलिस की कार्रवाई और बचाव के उपाय। फाइल फोटो

    कुलवीर चौहान, पलवल। जिले में साइबर ठगी का जाल तेजी से फैल रहा है। लोग ठगों के झांसे में आकर अपनी जीवनभर की मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं।

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    अब लोग भी संवेदनशील जानकारी देने से बचने लगे हैं, मगर साइबर ठग भी अपराध को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। जिले में प्रतिदिन औसतन 10 मामले ठगी के सामने आ रहे हैं।

    बीते सोमवार को ही पलवल पुलिस ने बिहार में नेपाल बार्डर के समीप से काल सेंटर चलाकर की जा रही ठगी का भंडाफोड़ कर गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

    ठगी के मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि

    आंकड़ों के मुताबिक (जनवरी से अगस्त तक) 2025 में 142 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई। इन मामलों में ठगी गई राशि दो करोड़ 73 लाख रही, जबकि रिकवरी ढाई करोड़ रही।

    वहीं, एनसीआरपी पोर्टल पर इस वर्ष अभी तक 2436 शिकायत दर्ज हुई हैं। इनमें चार करोड़ से अधिक की ठगी हुई है। 2024 के मुकाबले ठगी के मामलों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी जा रही है।

    2024 के मुकाबले स्थिति भयावह

    पिछले साल साइबर ठगी की 2882 शिकायतें दर्ज हुई थीं और 10.15 करोड़ की ठगी हुई थी। 2024 में 121 एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिनमें से लगभग 5.55 करोड़ की राशि पीड़ितों को लौटाई जा सकी थी।

    वहीं 2024 में गिरफ्तार हुए 95 आरोपियों की तुलना में 2025 के सिर्फ छह महीनों में ही 218 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया है, जिनमें 33 हरियाणा और शेष दिल्ली एनसीआर, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, बंगाल व नेपाल जैसे क्षेत्रों से हैं।

    पुलिस द्वारा किया गया बड़े मामलों का भंडाफोड़

    वर्ष 2021 के जून माह में पुलिस ने जिले में साइबर ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था। आरोपितों ने पलवल के रजिस्ट्री कार्यालय से रजिस्ट्रियां हासिल कर खरीदार विक्रेताओं के लगे हुए अंगूठे के निशान व आधार कार्ड नंबर ले लिए।

    उसके बाद अंगूठे का क्लोन तैयार कर अलग-अलग खातों से राशि निकाल ली गई थी। पीड़ितों के मुताबिक उन्हें न तो किसी ने फोन करके पिन कोड पूछा गया, न ही वे पिछले कुछ दिनों में बैंक या एटीएम से पैसे निकालने के लिए गए। फिर भी अचानक ही उनके खातों से पैसे कट गए।

    न्यूड वीडियो बनाकर ठगने वाला का हुआ था भंडाफोड़

    न्यूड विडियो बनाकर लोगों को ठगने की वारदातें भी तेजी से बढ़ रही हैं। ठगों द्वारा स्क्रीन रिकार्डर एप की सहायता से वीडियो क्लिप रिकार्ड की जाती है। पीड़ित को वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर डराया जाता है और रूपये ठग लिए जाते हैं।

    वर्ष 2022 के जुलाई माह पुलिस ने ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने सैकड़ों लोगों को फंसाकर कुछ ही महीनों में 20 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दे दिया था।

    पीएचसी की वेबसाइट हैक कर बनाते थे फर्जी प्रमाण पत्र

    वर्ष 2022 के अक्टूबर माह में पलवल की साइबर थाना पुलिस ने पीएचसी की वेबसाइट हैक कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अन्तर्राजीय गिरोह का भंडाफोड़ कर महिला को गिफ्तार किया था। गिरोह ने विभिन्न राज्यों में करीब 700 फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए थे।

    इस गिरोह ने पिनगवां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की वेबसाइट हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए थे। नूंह पुलिस द्वारा मामले की जांच पलवल साइबर थाना को दी गई थी, जिसके बाद मामले का भंडाफोड़ हुआ।

    एसपी के नाम पर मांगे थे रूपये

    • जिला पुलिस अधीक्षक की फोटो लगाकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों से भी ठगी करने का प्रयास किया जा चुका है।
    • वर्ष 2022 में पुलिस ने इस तरह की ठगी करने वाले एक आरोपित को गिरफ्तार किया था।
    • 2024 में पलवल पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा जो सऊदी, वियतनाम और कंबोडिया से ट्रेनिंग लेकर भारत लौटा था। गिरोह ने डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग टास्क और टेलीग्राम स्कैम से 70 करोड़ से ज्यादा की ठगी की और रकम को क्रिप्टो के जरिए चीन भेजा।
    • इसी साल जुलाई 2025 में एक और बड़ा गिरोह पकड़ा गया, जो दिल्ली से क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के नाम पर ओटीपी लेकर लोगों को ठग रहा था। इस गिरोह में तीन महिलाएं भी शामिल थीं और आरोपी 100 से अधिक केसों में शामिल थे।

    ऐसे करें बचाव

    कोई भी व्यक्ति आपके फायदे के लिए काल करता है तो इस प्रकार के व्यक्ति से सावधान हो जाएं, क्योंकि इस प्रकार के लोग आपको फायदा या किसी प्रकार का लालच देकर आपके साथ ठगी करते हैं

    टेलीग्राम पर टास्क देने के नाम पर ठगी से रहें सावधान

    • किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ फोन पर प्राप्त ओटीपी, यूपीआई, पिन कोड और सीवीवी साझा न करें और किसी प्रकार के मैसेज या किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें।
    • अपने बैंक या डिजिटल खातों के बारे में भी किसी अनजान व्यक्ति को जानकारी न दें।
    • एटीएम बूथ से रूपये निकालते समय या जमा करते समय किसी अनजान व्यक्ति से सहायता न लें और अपने कार्ड के पीछे सफेद पट्टी पर अपना नाम लिखकर रखें, ताकि कार्ड बदले जाने पर तुरंत पहचान कर सके।
    • बिना गार्ड वाले एटीएम बूथ को इस्तेमाल करने से बचें और एटीएम पिन को हाथ से छुपाकर डालें।
    • एटीएम पिन समय-समय पर बदलते रहें।
    • सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
    • सोशल मीडिया अकाउंट या फोन के माध्यम से रुपयों की मांग पर भरोसा ना करें, उक्त व्यक्ति को फोन करके या मिलकर पुष्टि अवश्य करें।
    • कोई भी ऑनलाइन धोखाधडी होने पर तुरंत अपने बैंक तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन को शिकायत करें।
    • किसी भी मैसेंजर पर कोई भी अश्लील वीडियो कॉल करता है तो इस प्रकार के काल से सावधान हो जाएं। ऐसे अश्लील काल को न उठाएं।
    • क्रिप्टो करेंसी में मुनाफा दिलाने के नाम पर होने वाली ठगी से रहें सावधान।

    साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर ठगों से सावधान रहना जरूरी है। साइबर अपराध होने पर पुलिस को तुरंत सूचना दें। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 एवं साइबर कम्पलेंट पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं- वरुण सिंगला, जिला पुलिस अधीक्षक