पंचवटी मंदिर, पलवल
बृज क्षेत्र के हरियाणा के हिस्से में पलवल का पचोवन मंदिर जिसे आजकल पंचवटी मंदिर भी कहा जाता है। य
बृज क्षेत्र के हरियाणा के हिस्से में पलवल का पचोवन मंदिर जिसे आजकल पंचवटी मंदिर भी कहा जाता है। यह एक ऐसा रमणीक स्थान है, जहां लोग आकर शांति अनुभव करते हैं। मंगलवार और शनिवार को तो यहां मेले जैसा माहौल रहता है। सावन माह में प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में लोग आकर शिव¨लग का अभिषेक करते हैं। सावन के सोमवार को शिव¨लग का श्रृंगार भी किया जाता है।
ऐसे पहुंचे मंदिर
पलवल रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से तिपहिए व रिक्शा मंदिर के लिए मिल जाते हैं। अगर आप अपने साधन से आ रहे हैं तो नए सोहना रोड से जिला नागरिक अस्पताल होते हुए मंदिर के मोड़ पर पहुंच जाएं। वहां से मंदिर कुछ ही दूरी पर है।
मंदिर का इतिहास
कहते हैं कि यह पांडव काल से भी पहले का मंदिर है। कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव कुछ दिनों के लिए यहां रहे थे। मान्यता है कि यहां बाबा तिरखा राम दास ने कड़ी तपस्या की थी। यहां माता और शिव के अलग-अलग मंदिर हैं। मंदिर प्रांगण में काफी पुराना वट वृक्ष है। मुख्य मंदिर हनुमान जी का है। अब यहां खाटू श्याम का मंदिर भी बन चुका है। आधुनिक सरोवर बनाने की भी योजना है।
मंदिर की विशेषता
मंदिर में विशाल गोशाला है, जहां गाय सेवा होती है। चिकित्सा शिविर, गरीबों के लिए भंडारे, धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। अतिथिगृह में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने का भी प्रबंध है। जन्माष्टमी को दंगल लगता है तथा बाबा छबीले दास महाराज का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। मंदिर के महंत महामंडलेश्वर कामता दास महाराज का यश दूर-दूर तक है। वे सामाजिक आयोजनों में भी शामिल होकर समाजसेवा के कार्यों में मदद करते रहते हैं। कुंभ मेलों में इस मंदिर को अपना पंडाल लगाने के लिए अलग से जगह मिलती है तथा शाही स्नान में महंत कामता दास शामिल होते हैं। मंदिर की शाखा वृंदावन में भी है।
-------
मंदिर के प्रति लोगों में अगाध आस्था है। मंदिर में पूजा अर्चना के लिए दूर-दूर से भी लोग आते हैं। मंदिर में साफ-सफाई, बिजली-पानी का पूरा प्रबंध है। पूजा अर्चना के दौरान श्रद्धालुओं का पूरा ख्याल रखा जाता है।
- सीमा आहुजा, श्रद्धालु।
-------
पचोवन मंदिर में श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां धार्मिक व सामाजिक आयोजनों के अलावा साधु व गाय सेवा को भी महत्व दिया जाता है। गरीबों के लिए भंडारे लगते हैं।
- महामंडलेश्वर कामता दास महाराज, महंत मंदिर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।