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    Jind News: जीव की अहमियत समझ संदीप-सिकंदर बने दयावान, 13 बेजुबानों की दी नई जिंदगी

    By Jagran News NetworkEdited By: Sushil Kumar
    Updated: Sat, 21 Jun 2025 08:49 PM (IST)

    संदीप व सिकंदर ने बताया कि यह कुतिया उनकी गली में रहती है। वह गर्भवती थी और दो दिन से परेशान थी। अंत में वह बेहोश होकर गिर गई और उसे सही से सांस नहीं आ रहा था। इस पर वे इसे हिसार स्थित लुवास ले गए। वहां चिकित्सकों ने उनकी जान को जोखिम बताया। ऐसे में उन्होंने जींद में डा. बलवंत को दिखाने की योजना बनाई। 

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    जीव की अहमियत समझ संदीप-सिकंदर बने दयावान। फोटो जागऱण


    धर्मवीर निडाना, जींद। भागमभाग भरे जीवन में जब लोगों के पास एक दूसरे का दर्द सुनने तक का समय नहीं है, ऐसे में हिसार जिले के पेटवाड़ गांव निवासी संदीप व सिकंदर ने बेजुबान कुतिया का दर्द समझकर उसकी जान बचाई। इनके प्रयास से कुतिया ही नहीं, उसके गर्भ में पल रहे 13 पिल्लों को भी नया जीवन मिला है।

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    प्रसव पीड़ा से परेशान कुतिया को देखकर दोनों ने उसका दर्द समझा और उसे हिसार के लाला लाजपत राय पशु विश्वविद्यालय ले गए। यहां चिकित्सकों ने कुतिया व उसके पिल्लों की जान को जोखिम बताया तो वह जींद में पशु पालीक्लीनिक ले आए।

    यहां डा. बलवंत व उनकी टीम ने आपरेशन से डिलीवरी की। इस पर कुतिया ने 13 पिल्लों को जन्म दिया। फिलहाल कुतिया और उसके सभी 13 पिल्ले स्वस्थ हैं। पशु पालीक्लीनिक के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. बलवंत ने बताया कि पेटवाड़ गांव निवासी संदीप व सिकंदर कुतिया को लेकर आए थे।

    उसके गर्भ में ज्यादा पिल्ले होने के कारण शरीर से ग्लूकोज की मात्रा कम हो गई थी। इससे वह बेहोशी की हालत में थी और सांस भी अटक-अटक कर आ रहा था। ऐसे में उसे 25 प्रतिशत ग्लूकोज दिया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। साथ ही डिलीवरी के लिए आपरेशन शुरू कर दिया गया।

    सातवें पिल्ले के जन्म के बाद कुतिया का सांस सामान्य हुआ। अधिक पिल्ले होने के कारण उसके पेट पर ज्यादा दबाव पड़ा हुआ था। इसके कारण वह सांस नहीं ले पा रही थी।

    दो दिन से परेशान थी बेजुबान

    संदीप व सिकंदर ने बताया कि यह कुतिया उनकी गली में रहती है। वह गर्भवती थी और दो दिन से परेशान थी। अंत में वह बेहोश होकर गिर गई और उसे सही से सांस नहीं आ रहा था। इस पर वे इसे हिसार स्थित लुवास ले गए। वहां चिकित्सकों ने उनकी जान को जोखिम बताया। ऐसे में उन्होंने जींद में डा. बलवंत को दिखाने की योजना बनाई। यहां कुतिया ने शुक्रवार को एक साथ 13 पिल्लों को जन्म दिया। इसके बाद वे कुतिया व पिल्लों को अपने साथ ले गए।

    पहली बार करवाई 13 पिल्लों की डिलीवरी: डॉ. बलवंत

    डॉ. बलवंत के अनुसार उन्होंने पशु चिकित्सा पेशे में पहली बार 13 पिल्लों की डिलीवरी एक साथ करवाई है। 2008 में भी इसी प्रकार का केस आया था। तब पहला आपरेशन था। तब भी कुतिया ने सात पिल्लों को जन्म दिया था। कुतिया अधिकतर 18 पिल्लों तक जन्म दे सकती है, लेकिन बच्चे उसके शरीर से ग्लूकोज समाप्त कर देते हैं। इस प्रकार की दिक्कत भेड़ों में अधिक आती है। यह ऑपरेशन सफल रहा। इसके बाद कुतिया व उसके पिल्लों को लोग अपने साथ ले गए।

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