लाल किला हमले के बाद नूंह में हाई अलर्ट, रोहिंग्या कॉलोनियों में सुबह-सुबह छापेमारी
दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमले के बाद नूंह पुलिस सतर्क है। नूंह और पुन्हाना की रोहिंग्या बस्तियों में तलाशी अभियान चलाया गया, जहाँ लोगों के कागजात और सामान की जाँच की गई। यूएनएचसीआर कार्ड से पहचान की गई और लोगों को शांति बनाए रखने की सलाह दी गई। पुलिस ने कहा कि यह नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है।
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दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमले के बाद नूंह पुलिस सतर्क है। जागरण
जागरण संवाददाता, नूंह। 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले पर हुए आतंकी हमले के बाद से जिला पुलिस हाई अलर्ट पर है। पिछले कई दिनों से मस्जिदों और मदरसों की जांच की जा रही है। इसी कोशिश के तहत जिला पुलिस ने मंगलवार सुबह नूंह में लंबे समय से बसी रोहिंग्या बस्तियों में बड़े पैमाने पर सर्च और वेरिफिकेशन ऑपरेशन चलाया।
यह ऑपरेशन नूंह और पुन्हाना इलाकों की रोहिंग्या बस्तियों में चलाया गया, जहां पुलिस की कई टीमों ने सुबह से ही झुग्गियों में जाकर लोगों के कागजों की अच्छी तरह से जांच की, सामान की तलाशी ली और डिटेल में पूछताछ की।
रोहिंग्या बस्ती के लोगों ने पुलिस का पूरा सहयोग किया। जांच के दौरान सात रोहिंग्या शरणार्थी किसी काम से घूमते हुए मिले। पुलिस ने रोहिंग्या शरणार्थियों को जरूरी गाइडेंस भी दी। नूंह में सदर थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार की लीडरशिप में सुबह 6:30 बजे नूंह गांव के पास चंदेनी में बसी रोहिंग्या शरणार्थी कॉलोनी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
ऑपरेशन के दौरान सिक्योरिटी एजेंट, सिक्योरिटी यूनिट और नूह पुलिस के लोग मौजूद थे। सभी रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान उनके UNHCR कार्ड से वेरिफ़ाई की गई। ध्यान देने वाली बात यह है कि एडमिनिस्ट्रेशन ने यहां रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को UNHCR आइडेंटिटी कार्ड जारी किए हैं। पुलिस चेकिंग के दौरान, सात लोग काम पर निकले मिले, लेकिन कोई भी अनलिस्टेड व्यक्ति नहीं मिला।
ऑफिशियल पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से नूह ज़िले में 385 परिवारों में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों की मौजूदा संख्या 1,713 है (जिसमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं)। सिक्योरिटी कारणों से, उनकी रेगुलर चेकिंग की जाती है। पुलिस अधिकारियों ने दोनों जगहों पर रहने वालों को जरूरी गाइडेंस दी, और उन्हें किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या एक्टिविटी की तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी।
पुलिस ने साफ़ किया कि ये ऑपरेशन रेगुलर सिक्योरिटी प्रोसेस का हिस्सा हैं और घबराने की कोई बात नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में सभी के सहयोग की उम्मीद है। ज़िले में मस्जिदों, मदरसों और दूसरी सेंसिटिव जगहों पर भी इंस्पेक्शन चल रहा है।
यह एक रेगुलर सिक्योरिटी चेकिंग है; कोई पैनिक सिचुएशन नहीं है। लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए और अफ़वाहों से बचना चाहिए। इसके अलावा, जिले में किराएदारों, मस्जिदों और मदरसों की रेगुलर जांच चल रही है। लोगों से यह भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें।
- कृष्ण कुमार, जिला पुलिस प्रवक्ता, नूह

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