नूंह में डिजिटल क्रांति: तहसीलों में पंजीकरण प्रणाली हुई पेपरलेस, ऑनलाइन जमा होगा रजिस्ट्री शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी
नूंह जिले में डिजिटल क्रांति के अंतर्गत, तहसीलों में पंजीकरण प्रणाली को पेपरलेस कर दिया गया है। अब रजिस्ट्री शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी ऑनलाइन जमा की जा सकेगी। इस नई प्रणाली से पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी, और यह डिजिटल इंडिया की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा मिलेगी।

अखिल पिलानी, उपायुक्त, नूंह।
जागरण संवाददाता, नूंह। प्रदेश सरकार की ई-गवर्नेंस पहल को आगे बढ़ाते हुए जिला नूंह ने एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। उपायुक्त अखिल पिलानी के निर्देशन में जिले की सभी तहसीलों में पेपरलैस पंजीकरण प्रणाली लागू कर दी गई है।
इसके साथ ही पारंपरिक कागज आधारित पंजीकरण प्रणाली को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था की शुरुआत सब तहसील इंडरी में हुई, जहां पूरी तरह डिजिटल रजिस्ट्री सफलतापूर्वक संपन्न की गई। यह कदम नूंह जिले के डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक नई मिसाल बना है।
उन्होंने कहा कि पेपरलैस रजिस्ट्री से नागरिकों को सुविधा और भरोसे का एक नया अनुभव मिला है। यह बदलाव सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि सुशासन की दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम है।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि सरकार के निर्देशों के अनुरूप अब नागरिकों को जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए किसी प्रकार के भौतिक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। पूरा पंजीकरण कार्य अब आनलाइन माध्यम से ही किया जाएगा।
घर बैठे कर सकेंगे रजिस्ट्री
इस प्रणाली के माध्यम से नागरिक घर बैठे रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं और केवल एक बार ही तहसील कार्यालय जाना आवश्यक होगा। यह नई व्यवस्था पारदर्शिता, दक्षता और समय की बचत सुनिश्चित करेगी, जिससे नागरिकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
नागरिक https://eregistration.revenueharyana.gov.in/ पोर्टल पर जाकर आधार या ओटीपी सत्यापन के माध्यम से अपनी पहचान की पुष्टि कर सकते हैं और उसके बाद पंजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकते हैं।
रजिस्ट्री शु:ल्क और स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान अब पूरी तरह आनलाइन माध्यमों से किया जाएगा। इसके साथ ही सब-रजिस्ट्रार के साथ अपाइंटमेंट बुकिंग भी पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है। इस व्यवस्था को शुरू करने का निर्णय पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन की दृष्टि से लिया है।
आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल दस्तावेजों के कारण अब रजिस्ट्री प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता की संभावना नहीं रहेगी। सभी अभिलेख सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रूप से डिजिटल रूप में संग्रहीत होंगे, जिससे नागरिकों को भविष्य में भी दस्तावेजों की सत्यता और उपलब्धता को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी।

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