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    नए कांग्रेस जिलाध्यक्ष शहीदा खान के चयन में संगठन का अनुभव आया काम, कांग्रेस को एकजुट रखना होगी चुनौती

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 03:08 PM (IST)

    11 साल बाद कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। नूंह जिले की जिम्मेदारी पूर्व विधायक शहीदा खान को मिली है। शहीदा खान पहले इनेलो में थीं और उन्होंने 2004 में जाकिर हुसैन को हराया था। 2014 में कांग्रेस में शामिल हुईं। अब उन्हें जिले में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली है। उनकी नियुक्ति से कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

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    नवनियुक्त जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक शहीदा खान का स्वागत करते पार्टी कार्यकर्ता। जागरण

    संवाद सहयोगी, नूंह। करीब 11 साल के लंबे अंतराल के बाद आखिर हरियाणा प्रदेश में जिला अध्यक्षों की संगठनात्मक नियुक्ति कर दी गई है। इस बार जिला नूंह (मेवात) में कांग्रेस जिला अध्यक्ष की कमान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व विधायक शहीदा खान को दी गई है।

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    संगठन चलाने का अनुभव व शोम्य व्यवहार सभ उम्मीदवारों पर भारी पड़ा। हालांकि शहीदा खान हुड्डा गुट के माने जाते हैं, लेकिन अब उनके लिए जिले कांग्रेस को चलाना एक चुनौती होगी।

    शहीदा खान की अध्यक्ष के तौर की गई नियुक्ति के बाद क्षेत्र सहित जिले के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। मंगलवार देर रात जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद शहीदा खान के कार्यालय में बधाई देने का तांता लगा हुआ है।

    बुधवार की सुबह नूंह रोड स्थित पूर्व विधायक के कार्यालय पर नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष शहीदा खान का फूल मालाओं और पगड़ी बांधकर भव्य स्वागत किया गया।

    इनेलाे के टिकट पर लड़ा था चुनाव

    शहीदा खान ने इस अवसर पर पार्टी आलाकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है उस पर वह खरा उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे और कांग्रेस की नीतियों को जन-जन तक पहुंचा पार्टी को मजबूत किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है और सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर वह पार्टी हित में कार्य करेंगे। बता दें कि वर्ष 2004 में शहीदा खान ने इनेलाे के टिकट पर उस समय चुनाव लड़ा जब इनेलो 90 सीटों में से मात्र नौ सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई।

    कैसा रहा शहीदा खान का राजनैतिक सफर?

    इनेलो की विपरीत हवा के बावजूद उन्होंने पंजाब,हरियाणा और राजस्थान तीन राज्यों में कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी तैयब हुसैन के सुपुत्र पूर्व विधायक चौधरी जाकिर हुसैन को करारी शिकस्त दी थी। शहीदा खान की इस जीत ने पार्टी में उनके कद को और मजबूत कर दिया।

    पूर्व विधायक शहीदा खान के राजनीतिक सफर को देखें तो उनके राजनैतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1994 में ग्राम पंचायत शिकारपुर सरपंच बनकर शुरू की थी। 1997 में 2000 तक जिले युवा इनेलो अध्यक्ष रहे।

    2000 से 2005 पर जिला पार्षद, 2002 से 2005 मार्केट कमेटी की अध्यक्ष, 2005 से लेकर 2009 तक इनेलो के जिला अध्यक्ष व विधायक भी रहे। संगठन का अनुभव ही उसके काम आया। वर्ष 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उसके बाद से निरंतर वह कांग्रेस पार्टी के प्रचार प्रसार और संगठन में मेहनत करते आ रहे हैं।