Shahbaz Ahmed: शाहबाज अहमद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किया डेब्यू, पिता और चाचा ने दी बचपन में ट्रेनिंग
Shahbaz Ahmed हरियाणा के लाल शाहबाज अहमद के भारत के राष्ट्रीय किक्रेट टीम में 9 अक्टूबर को आलरांडर के रूप में डेब्यू किया। टीवी पर साउथ अफ्रिका के खिलाफ वनडे मैच में खेलता देख शाहबाज अहमद के पिता अहमद और चाचा फारूख की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।

मेवात, जागरण संवाददाता। Shahbaz Ahmed Profile: हरियाणा के लाल शाहबाज अहमद के भारतीय राष्ट्रीय किक्रेट टीम में 9 अक्टूबर को आलरांडर के रूप में डेब्यू के साथ ही परिवार का सपना भी पूरा हो गया। टीवी पर साउथ अफ्रिका के खिलाफ वनडे मैच में खेलता देख शाहबाज अहमद के पिता अहमद और बचपन के कोच व चाचा फारूख की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
बचपन में पिता और चाचा ने सिखाया क्रिकेट
शाहबाज अहमद के चाचा फारूख ने बताया कि पैतृक गांव शिकरावा में शाहबाज अहमद का जन्म 1995 में हुआ। शाहबाज के पिता अहमद और चाचा दोनों किक्रेट के शौकीन थे। जबकि शाहबाज के दादा ईसाक को कमेंटरी सुनने का शौक था। चाचा ने बताया कि 3 वर्ष के आयु में ही शाहबाज हमारे साथ किक्रेट खेलता था और बचपन में हम ही उसके कोच थे। तभी हमने अपनी आंखों में शाहबाज के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने का सपना संजो लिया था।
कोलकाता से ली ट्रेनिंग
छोटी सी उम्र में ही शाहबाज बहुत अच्छा किक्रेट खेलते थे। शाहबाज ने कोलकाता के तपन मेमोरियल क्लब में क्रिकेट की ट्रेनिंग ली। साल 2015-16 में हुए क्रिकेट लीग मैंचों में शाहबाज ने उम्दा प्रदर्शन किया और इस दौरान सौरभ गांगोली व वीवीएस लक्ष्मण की नजर शाहबाज पर पड़ी। अपने बेहतरीन प्रदर्शन के चलते शाहबाज को रणजी ट्राफी व उसके बाद आइपीएल में भी खेलने का मौका मिला।
3 वर्ष लगातार शाहबाज रोयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम में विराट कोहली के साथ खेला और बेहतरीन प्रदर्शन किया। 2022 में शाहबाज अहमद का जिंबाब्बे के खिलाफ मैच सिरीज के लिए राष्ट्रीय किक्रेट टीम में चयन तो हुआ, लेकिन उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला।
परिवार के सभी सदस्य करते हैं नौकरी
बता दें कि शाहबाज अहमद के पिता वर्तमान में नूंह एसडीएम कार्यालय में डिप्टी सुपरीडेंट के पद पर कार्यरत हैंं। इससे पहले करीब 15 वर्षों तक हथीन एसडीएम कार्यालय में नौकरी की। शाहबाज के चाचा फारूख सुखपुरी के मीडिल स्कूल में अध्यापक हैं। जबकि दादा ईसाक मुख्याध्यापक के पद से सेवानिवृत हैं। शाहबाज की एक ही बहन हैं जो बीएएमएस डाक्टर हैं। शाहबाज के चाचा व दादा पैतृक गांव शिकरावा में ही रहते हैं। उनके माता-पिता हथीन में धीरंकी रोड पर लघु सचिवालय के पास रहते हैं।

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