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    Nuh Violence: एसपी के बयान का असर, ग्रामीणों ने हिंसा में शामिल आरोपितों को पुलिस को सौंपा

    पुलिस के मुताबिक महादेव मंदिर में हुई घटना के यही मुख्य आरोपित हैं। आरोपितों से पूछताछ कर अन्य उपद्रवियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। सभी आरोपित घर से फरार थे। रात में जैसे ही खाना खाने और रकम लेने के लिए पहुंचे घर वाले पूर्व सरपंच के साथ सभी को थाने ले आए। सिंगार गांव के पूर्व सरपंच तथा प्रभावशाली लोगों की पहल की खूब चर्चा हो रही है।

    By Satyendra SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 21 Aug 2023 04:19 PM (IST)
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    Nuh Violence: एसपी के बयान का असर, ग्रामीणों ने हिंसा में शामिल आरोपितों को पुलिस को सौंपा

    नूंह, जागरण संवाददाता। 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभालने वाले तेजतर्रार पुलिस अधिकारी नरेंद्र बिजारणिया के बयान का असर दिखाई देने लगा है।

    दस दिन पहले एसपी ने गांवों के गणमान्य लोगों से बात करते हुए कहा था कि सभी को पता है कि गांव का कौन सा छोरा हिंसा में शामिल था, उनके कान पकड़कर ले आओ , नहीं तो हमें पकड़ना आता है। हम पहेलियां नहीं बुझा रहे है इसे चेतावनी भी समझ सकते और अपील भी। जब हम लेकर आएंगे तो अपने तरीके से लाएंगे।

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    एसपी के इस बयान के बाद सिगार गांव के पूर्व सरपंच हनीफ, अल्ताफ, इब्राहिम चौधरी,तैय्यब सहित कई ग्रामीणों ने 31 जुलाई को हुई हिंसा के दौरान गांव में स्थित महादेव मंदिर परिसर में तोड़फोड़ करने तथा वाहनों को आग लगाने के मामले में आरोपित जुबेर,सलमान अंसार, रफीक, मोहम्मद अबू बकर को रविवार देर रात बिछोर थाने लाकर पुलिस को सौंप दिया। 

    घर से फरार थे सभी आरोपित

    पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक महादेव मंदिर में हुई घटना के यही मुख्य आरोपित हैं। आरोपितों से पूछताछ कर अन्य उपद्रवियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। सभी आरोपित घर से फरार थे।

    रात में जैसे ही खाना खाने और रकम लेने के लिए पहुंचे घर वाले पूर्व सरपंच के साथ सभी को थाने ले आए। बता दें कि कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा तथा पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया 16 दिनों में उपमंडल स्तर पर 262 गांवों के गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर चुके हैं।

    सिंगार गांव के पूर्व सरपंच तथा प्रभावशाली लोगों की पहल की खूब चर्चा हो रही है। कई गांव के प्रभावशाली लोग भी हिंसा में शामिल गांव के युवकों को पुलिस के सामने पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।

    जो भी हिंसा मामले में आरोपित है चाहे वह किसी भी समुदाय से हो पुलिस को सौंपे। पूछताछ के बाद जो निर्दोष होगा उसे तुरंत प्रभाव पर प्रभाव से छोड़ दिया जाएगा। सिर्फ दोषियों के खिलाफ ही कार्रवाई होगी। छिपने व भागने वालों को छोड़ने वाले नहीं हैं। चाहे वह पहाड़ी में छिपे या राज्य छोड़ दें एक को भी छोड़ा नहीं जाएगा।

    - नरेंद्र बिजारणिया, पुलिस अधीक्षक नूंह