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    Nuh Violence: उपद्रवियों के तांडव से दहशत में लोग, किसी ने गांव में ली शरण तो कोई 10 किमी पैदल चलकर पहुंता घर

    By Satyendra SinghEdited By: Shyamji Tiwari
    Updated: Tue, 01 Aug 2023 11:12 PM (IST)

    सोमवार को उपद्रवियों द्वारा नूंह में मचाए गए तांडव से जिला के कई जगहों पर रहने वाले लोग अभी दहशत में हैं। किसी ने मुश्किल से जान बचाकर गावों में शरण ली तो दो युवक तो दस किलोमीटर पैदल चलने के बाद ही फिरोजपुर झिरका पहुंचे। शहर के दो युवकों ने बताया कि दंगाईयों ने उनको तीन बार हमला करने की नीयत से पकड़ा लेकिन वे उनकी पकड़ छूट गए।

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    नूंह में उपद्रवियों के तांडव से दहशत में लोग

    नूंह, जागरण संवाददाता। सोमवार को उपद्रवियों द्वारा नूंह में मचाए गए तांडव से जिला के कई जगहों पर रहने वाले लोग अभी दहशत में हैं। यात्रा में शामिल हुए फिरोजपुर झिरका के चार युवक ने तो मौत के तांडव को नजदीक से देखा और उसकी बड़ी मुश्किल से जान बची। कुछ युवकों को गावों के लोगों ने अपने यहां शरण देने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा की।

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    कोई 10 किमी पैदल चलकर पहुंचा घर

    दो युवक तो दस किलोमीटर पैदल चलने के बाद ही फिरोजपुर झिरका पहुंचे। सोमवार को नूंह में उपद्रवियों द्वारा तांडव मचाने के बाद पिनगवां के रहने वाले नीरज खेड़ला गांव में फंस गए। उन्हें पूरी रात ग्रामीणों ने अपने यहां ना केवल शरण दी, बल्कि उनके खाने का विशेष ध्यान रखा।

    हालात खराब होने पर गावं में ली शरण

    सुबह लगभग आठ बजे यह अपने कस्बा पिनगवां पहुंचे,  पूरी रात इस परिजन परेशान रहे। थाना प्रभारी सदर नूंह ने नीरज का पूरी तरह से ध्यान रखा। फिरोजपुर झिरका के सोनू ने बताया कि वह विशेष समुदाय के दो युवकों को गुरुग्राम से बैठाकर नूंह तक अपने साथ बाइक पर लाया, लेकिन नूंह में हालात खराब होने की वजह से उसने खेड़ला गांव में एक व्यक्ति के यहां शरण ली।

    सुबह बड़ी मुश्किल से बाइक से अपने घर फिरोजपुर झिरका पहुंचा। फिरोजपुर झिरका के कमल कुमार ने बताया कि सोमवार की रात्रि को उसको अपने घर पहुंचने के लिए दस से ज्यादा किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। रोड सुनसान थी, डर लग रहा था, लेकिन क्या करें मजबूरी थी घर पहुंचने की। उन्होंने कहा दहशतगर्द जो भी हो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाही होनी चाहिए।

    शहर के दो युवकों ने बताया कि दंगाईयों ने उनको तीन बार हमला करने की नीयत से पकड़ा, लेकिन वे उनकी पकड़ छूट गए। बड़ी मुश्किल से नूंह के एक व्यक्ति ने उनको अपने घर मे शरण दी तक कहीं जाकर उनकी जान बची।