Nuh Violence Case: नूंह हिंसा के आरोपी कांग्रेसी विधायक मामन खान के दावे की खुली पोल, एक और झूठ सामने आया
Nuh Violence News 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा में शामिल लोगों को भड़काने के आरोप में जेल भेजे गए कांग्रेसी विधायक मामन खान का एक झूठ सामने आया है। आरोपित विधायक ने विशेष जांच दल (एसआईटी एघऊ) की ओर से की जाने वाली गिरफ्तारी से बचने के लिए गिरफ्तार किए जाने से पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
नूंह, जागरण संवाददाता। 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा में शामिल लोगों को भड़काने के आरोप में जेल भेजे गए कांग्रेसी विधायक मामन खान का एक झूठ सामने आया है। आरोपित विधायक ने विशेष जांच दल (एसआईटी, एघऊ) की ओर से की जाने वाली गिरफ्तारी से बचने के लिए गिरफ्तार किए जाने से पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि उनके विरुद्ध राजनीतिक षडयंत्र किया जा रहा है। हिंसा में शामिल आरोपितों को उकसाने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत हैं। मामन खान ने दावा किया था कि जब उन्हें उनके अपने विधानसभा क्षेत्र (फिरोजपुर झिरका)के बड़कली चौक और पैतृक गांव भादस में हिंसा होने की जानकारी मिली थी तो उन्होंने भादस गांव के सरपंच शौकत अली को हिंसक भीड़ को रोकने के लिए फोन किया था।
उन्होंने तुरंत अपने भाई को हिंसा रोकने और भादस गांव के सरपंच शौकत अली को कॉल कर गुरुकुल की सुरक्षा करने के लिए कहा था। वहीं, सरपंच शौकत अली ने कहा कि उन्हें मामन की ओर से कोई कॉल नहीं आई थी।
डीएसपी ने किया था कॉल
फिरोजपुर झिरका के डीएसपी सतीश वत्स ने उन्हें जरूर दो बार कॉल की और बड़कली चौक, उनके गांव में भी स्थित गुरुकुल को हिंसक भीड़ से बचाने में मदद करने को कहा था। वहीं गुरुकुल के संचालक ने भी उनसे अनुरोध किया था, जिसके बाद ही गांव के लोगों के साथ वह गुरुकुल पहुंचे और हिंसक भीड़ का सामना कर उसे हटाया था।
मुस्लिम युवकों ने गुरुकुल को बचाया
सरपंच ने कहा कि गांव के मुस्लिम भाईयों ने भी गुरुकुल को बचाने के लिए दीवार बनकर काम किया था। दो सौ से अधिक उपद्रवी जिसमें दूसरे जिला के युवक भी शामिल थे। वह पेट्रोल लेकर गुरुकुल में आग लगाने के लिए पहुंचे थे।
गुरुकुल में शिक्षा लेने वाले किशोरों को बचाया
गुरुकुल में शिक्षा ले रहे किशोरों को सुरक्षित जगह में पहुंचा कर ग्रामीणों ने हिंसक भीड़ का सामना किया था। एसआईटी में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि आरोपित विधायक के खिलाफ सरपंच के बयान को एक सबूत के तौर के रूप में अदालत के सामने रखा जाएगा।
14 सितंबर को हुई गिरफ्तारी
14 सितंबर को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामन खान को गिरफ्तारी से बचने के लिए निचली अदालत में जाने की सलाह दी थी। एसआईटी ने 14 सितंबर की देर रात ही मामन को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया था।
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न्यायिक हिरासत में मामन खान
आरोपित को चार दिन रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई फिर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। बता दें कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में मामन की याचिका पर 19 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार और संबंधित अधिकारी से अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था।
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