Nuh Vidhan Sabha Chunav Result: नूंह से कांग्रेस के आफताब अहमद 46 हजार वोटों से जीते, इनेलो के ताहिर हुसैन को हराया
Nuh Election Result नूंह विधानसभा सीट का नतीजा आ गया है। नूंह विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आफताब अहमद ने 46871 वोटों से जीत दर्ज की है। फिलहाल इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। उन्होंने इनेलो के प्रत्याशी ताहिर हुसैन को करारी शिकस्त दी है। इस बार नूंह विधानसभा का मत प्रतिशत 74. 42 जिले में सबसे ज्यादा रहा। पिछले विधानसभा में यहां पर 71.14 प्रतिशत मतदान हुआ था।

जागरण संवाददाता, नूंह। Nuh Vidhan Sabha Election Result 2024 : नूंह विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आफताब अहमद ने 46871 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने इनेलो के प्रत्याशी ताहिर हुसैन को करारी शिकस्त दी है।

चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, आफताब अहमद को कुल 91697 मत मिले। वहीं इनेलो के ताहिर हुसैन को 44826 और भाजपा के संजय सिंह को 15810 वोट मिले हैं।

भाजपा के तीन में से दो उम्मीदवारों की जमानत जब्त
मेवात में कांग्रेस की आंधी में भाजपा की हालत सबसे ज्यादा पतली रही। नूंह से भाजपा प्रत्याशी वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय सिंह अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। इनलो के ताहिर हो छोड़कर सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
नूंह में 30 प्रतिशत हिंदू मतदाता है, जबिक 70 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता, लेकिन हिंदू गांवों में भी संजय सिंह को आशा के अनुरूप मत नहीं मिले। पुन्हना से भाजपा के प्रत्याशी एजाज खान भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए।
74.42 प्रतिशत हुआ था मतदान
कहने को नूंह प्रदेश के पिछड़े जिला में शुमार है, लेकिन मतदान के मामले में प्रदेश में पांचवें पायदान पर रहा। यहां पर तीन विधानसभाएं है। जिले का औसत मतदान 72.81 प्रतिशत रहा। नूंह से ज्यादा मतदान फतेबाद 74.1, यमुना नगर 73.27, सिरसा 73.09 , पलवल 73.25 रहा।
नूंह में महिला वोटरों ने कमाल का मतदान किया। विभाग के अनुसार नूंह विधानसभा में 207841 मतदाता हैं। इनमें से 154668 मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया। नूंह विधानसभा का मत प्रतिशत 74. 42 जिले में सबसे ज्यादा रहा। पिछले विधानसभा में यहां पर 71.14 प्रतिशत मतदान हुआ था।
नूंह जिले में यह पहला ऐसा चुनाव है जो नेताओं के बजाए मुद्दों के आधार पर लड़ गया। इस बार लोगों ने मुद्दों के आधार पर अच्छी सरकार के चयन लिए वोट किया है। जिसकी वजह से चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ा है। लोकतंत्र के लिए यह अच्छा संकेत भी कहा जा सकता है। यहां लोग सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन सरकर बनने के बाद यहां लोगों की उपेक्षा होती है। इसलिए आजादी के वर्षों बाद भी यह जिला गरीबी में है। नई सरकार को इसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत है। - सद्दीक अहमद मेव, इतिहासकार नूंह

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