नूंह के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही, गर्भपात कराने गई महिला की नलबंदी कर दी; मामले में जांच के आदेश
नूंह के तावडू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला गर्भपात कराने गई थी जहाँ डॉक्टरों ने कथित तौर पर उसकी नलबंदी कर दी। परिवार के विरोध के बाद मामला दबाने का प्रयास किया गया। बाल संरक्षण आयोग ने अस्पताल का दौरा कर स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी है। लापरवाही के आरोप में गायनी डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है।
जागरण संवाददाता,तावड़ू (नूंह)। तावड़ू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ढाई माह के भ्रूण का अबाॅर्शन कराने गई महिला की डाक्टरों ने Tubectomy यानी नलबंदी कर दी।
महिला के स्वजन ने जब इसका पता लगा तो उन्होंने विरोध किया, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पीड़ित पक्ष को समझाबुझाकर किसी तरह मामला संभाल लिया।
बीते 18 अगस्त के इस मामले को अस्पताल प्रशासन ने दबाने का प्रयास किया। चिकित्सकों की इस करतूत की शिकायत किसी ने बाल संरक्षण आयोग तक पहुंचा दी।
जिस पर बृहस्पतिवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम ने तावड़ू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा कर मामले में संज्ञान लिया। बाल संरक्षण की टीम ने दो दिनों के अंदर स्वास्थ्य विभाग से मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
जिस कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं। इतना ही नहीं गलत तरीके से नलबंदी करने वाली गायनी डाॅ. वर्षा ने स्वास्थ्य विभाग को इस्तीफा तक सौंप दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। बीते 30 जुलाई को जिला नागरिक अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डाॅक्टरों की लापरवाही से नवजात का हाथ कट गया था।
बता दें की बीते 18 अगस्त को वार्ड नंबर-एक सैनी पुरा की रहने वाली 28 वर्षीय महिला को गर्भपात कराने के लिए तावडू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया था। महिला का बच्चा गर्भ में ही गिर गया था।
आरोप है कि वहां पर तैनात गायनी डाॅ. वर्षा ने महिला का पेट साफ करने की बजाय नलबंदी ही कर दी, जबकि नलबंदी किसी दूसरी महिला की होनी थी।
हालांकि अभी तक इस मामले में पुलिस व विभाग को कोई औपचारिक शिकायत नहीं दी गई है। प्रारंभिक तौर पर अस्पताल प्रबंधन ने गलती मानते हुए दोनों पक्षों में समझौता की भी बात की है।
किसी व्यक्ति द्वारा इस मामले की शिकायत पर महिला बाल संरक्षण आयोग की सदस्या सुमन राणा, गणेश माथूर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आबिद हुसैन वह अन्य अधिकारियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मामले की जांच पड़ताल की विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी।
महिला बाल संरक्षण आयोग की सदस्या सुमन राणा ने बताया है कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने बताया कि यह मामला गंभीर है।
घटना के बाद तावड़ू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रवर चिकित्सा अधिकारी डाॅ. निहाल सोलंकी ने महिला डाॅक्टर की ओर से इस्तीफा देने की पुष्टि की है।। लेकिन उनका कहना है कि उनका इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं किया है।
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर इस तरह का मामला है तो निश्चित रूप से मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी होगा नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। रही बात डाक्टर के इस्तीफे की अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा है । इस्तीफा देने से जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। मामले में टीम गठित कर जांच कराई जाएगी।
- डाॅ. सर्वजीत, सिविल सर्जन नूंह
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