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    Toll Plaza Closed: NCR के लोगों के लिए खुशखबरी, हरियाणा का यह टोल प्लाजा 17 फरवरी से हो जाएगा बंद

    Updated: Sat, 15 Feb 2025 06:04 PM (IST)

    हरियाणा वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर है। नूंह जिले में पुन्हाना जुरहेड़ा रोड से राजस्थान सीमा तक वाणिज्यिक टोल प्लाजा-42 पर 17 फरवरी को रात 12 बजे के बाद टोल वसूली बंद हो जाएगी। इस टोल को बंद करने से रोजाना हरियाणा और एनसीआर के हजारों लोगों को फायदा होगा। सरकार के इस फैसले का लोगों ने स्वागत किया है।

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    हरियाणा का वाणिज्यिक टोल प्लाजा-42 होगा बंद।

    जागरण संवाददाता, नूंह। हरियाणा के नूंह जिले में पुन्हाना जुरहेड़ा रोड से राजस्थान सीमा तक वाणिज्यिक टोल प्लाजा-42 पर 17 फरवरी को रात 12 बजे के बाद टोल वसूली बंद कर दी जाएगी। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने  बताया कि इस टोल को 18 महीने की अवधि के लिए मेसर्स ए.एस. मल्टीपर्पज सर्विसेज को आवंटित किया गया था, जिसकी अवधि 17 फरवरी 2025 को रात 12 बजे समाप्त हो रही है।

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    उन्होंने बताया कि इस टोल को बंद करने के संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की घोषणा के तहत इंजीनियर-इन-चीफ, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) द्वारा भी वाणिज्यिक टोल प्वाइंट यानी टीपी-42 को अनुबंध समझौते की समाप्ति की तारीख से बंद करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अतः 17 फरवरी 2025 को रात 12 बजे इसे बंद कर दिया जाएगा।

    रोजाना हजारों लोगों को होगा फायदा

    उन्होंने बताया कि इसके बाद लोग अपने वाहनों को यहां से बिना टोल दिए ले जा सकेंगे। सरकार के इस कदम से हर रोज हजारों लोगों को फायदा पहुंचेगा। यहां के लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। फरीदाबाद जिला इस टोल से घिरा हुआ है, जिससे लोगों को यात्रा के दौरान कई जगह टैक्स देना पड़ता है। गुरुग्राम जाने के लिए बंधवाड़ी के पास भी टैक्स देना होता है। बल्लभगढ़ से सोहना जाने के लिए भी टोल देना होता है। इसी प्रकार दिल्ली के लिए बदरपुर बॉर्डर, पलवल के लिए गदपुरी टोल और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए किरंज टोल मौजूद है।

    गुरुग्राम-अलवर मार्ग का होगा चौड़ीकरण

    मेवात में खूनी रोड़ के नाम से मशहूर गुरुग्राम-अलवर मार्ग (राजमार्ग 248 ए) के चौड़ीकरण का मार्ग प्रशस्त होता दिखाई देने लगा है। मार्ग के फोर लेने में पेड़ लगाने के लिए 121 एकड़ भूमि का इंतजाम प्रशासन ने कर दिया। जिले के छह गांवों की पंचायत ने प्रस्ताव देकर भूमि देने की हामी भर ली है। छह ग्राम पंचायतों की तरफ से दी गई भूमि को वन विभाग को हंस्तातंरण करने की प्रक्रिया को लेकर प्रशासन ने प्रस्ताव स्वीकृति के लिए उच्च अधिकारियों को चंड़ीगढ़ भेज दिया है। 

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