तिजारा-नगीना मार्ग को लेकर कवायद तेज, लोगों को 45 KM के फेरे से मिलेगी राहत
Mewat News नूंह में एक दशक से अटके तिजारा-नगीना मार्ग का निर्माण फिर शुरू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। इस मार्ग से लोगों को 45 किमी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और ब्रज क्षेत्र से तिजारा जैन मंदिर आना-जाना आसान होगा।

मोहम्मद हारून, नूंह। एक दशक से लंबित चली आ रही तिजारा-नगीना मार्ग की भौगोलिक सर्वे कराकर दोबारा से कार्य को पटरी पर लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस मार्ग के बनने से न केवल लोगों को 45 किमी फेरे से जाने से निजात मिलेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र के लोगों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
तिजारा के धार्मिक जैन मंदिर के लिए भी श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम होगी। वहीं नूंह जिले के लोगों को राजस्थान में अपनी रिश्तेदारियों में भी आना-जाना सुगम होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा सोमवार को दिल्ली में मार्ग के बनाने के लिए हरी झंडी प्रदान की गई है।
भौगौलिक सर्वे कराने के लिए एजेंसी की तलाश शुरू
उसके बाद लोक निर्माण विभाग की तरफ से भौगौलिक सर्वे कराने के लिए एजेंसी की तलाश शुरू कर दी गई है। यह मामला 2019 से ही लटकता चला आ रहा है। अब इसके फिर से लोगों की आस बढ़ी है। विदित रहे कि दैनिक जागरण इस मामले के लेकर समय-समय पर उठाता रहा है। लोगों ने सीएम की तरफ से दिए गए ब्यान पर उनका आभार भी जताया है।
बता दें कि जिले के लोगों की राजस्थान के तिजारा, खैरथल, टपूकड़ा, किशनगढ़ बास और आस पास के गांवों में बीस हजार से भी अधिक रिश्तेदारियां हैं। जिनमें हर रोज लोगों का आना जाना रहता है। इसके अलावा तिजारा शहर में भी जैन समाज का बड़ा मंदिर है, वहां पर भी लोग आते जाते हैं।
नूंह जिले के लोगों की रिश्तेदारियों के फासले को कम करने के लिए साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस मार्ग की घोषणा की थी। लेकिन कई साल बाद भी घोषणा पर अमल नहीं हुआ। उसके बाद साल 2014 में फिर से इस मार्ग की घोषणा हुई।
साल 2018 में करीब पौने चार करोड़ की लागत से इस योजना पर एसकेआर कंपनी ने काम शुरू किया, लेकिन इस मार्ग की घाटी कटाई में अच्छी क्वालिटी का पत्थर नहीं निकलने के कारण कंपनी ने काम को बीच में छोड़ दिया। जिस पर लोक निर्माण विभाग ने जुर्माना भी लगाया। इसके बाद दस अन्य कंपनियों ने इसका टेंडर तो लिया, लेकिन काम शुरू नहीं किया।
12वीं बार बिल टेक कंपनी ने इसका टेंडर तो ले लिया, लेकिन जब कंपनी के अधिकारी मौके पर देखने पहुंचे तो उन्होंने भी घाटा मानकर काम करने से हाथ खड़े कर दिए। उसके बाद से ही यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है।
जिले उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया है कि चार किमी पहाड़ की काटने के लिए फिर से भौगोलिक सर्व कराने के लिए प्रपोजल पिछले माह भेजा गया था। जिस लेकर सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में मार्ग के बनाने के लिए भौगौलिक सर्व कराकर इसे सिरे चढ़ाने के बात कही थी। जिस पर लोक निर्माण विभाग की तरफ से एजेंसी की तलाश शुरू की जा चुकी है।
दैनिक जागरण उठा चुका है कई बार मामले को
नगीना -तिजारा मार्ग के लंबित पड़े कार्य को पटरी पर लाने के लिए दैनिक जागरण समय-समय पर मामले को उठाता रहा है। ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके। सरपंच तफैजुल, सलामुद्दीन, कमल शर्मा का कहना है कि देर से सही आखिरकार अब इस मार्ग को बनने की उम्मीद जगने लगी है। लोगों ने कहा कि मार्ग के बनने से लोगों को फेर से जाने से निजात मिलेगी। सरकार का यह अच्छा कदम है।
पहाड़ी की भौगौलिक सर्वे करने के लिए एजेंसी की तलाश शुरू कर दी गई है। एजेंसी की सर्वे के बाद मार्ग के बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीद है कि यह कार्य जल्द पटरी आएगा।
- प्रदीप संधु , कार्यकारी अभियंता लोक निर्माण विभाग, नूंह
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।