मेवात में पुलिस और ग्रामीणों में झड़प, घर में घुसकर मारपीट का आरोप
मेवात के तावडू में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई ग्रामीणों ने पुलिस पर घर में घुसकर तोड़फोड़ करने और मारपीट का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस बिना सूचना के उनके घर में घुसी और एक युवक को घायल कर दिया। पुलिस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे वांछित अपराधी की तलाश में गए थे और उन्हें वह नहीं मिला।

संवाद सहयोगी, तावड़ू (मेवात)। मेवात के तावड़ू में बीते शुक्रवार की रात गांव बावला में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने की बताया कि पुलिस जिस आरोपित को दबोचने आई थी उसकी जगह दूसरे के घर में जा घुसी और तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। हैरानी की बात है कि इसमें स्थानीय पुलिस को भी साथ नहीं लिया गया न ही उसे कोई जानकारी दी गई। अब पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी है।
बताया जा रहा है कि मानेसर सीआईए टीम एक वांछित आरोपित की तलाश में गांव पहुंची थी। इस दौरान पुलिस टीम और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना वजह उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ की और एक युवक के साथ मारपीट की,जिससे वह घायल हो गया।
ग्रामीण सलमान ने बताया कि पुलिस उनके घर में जबरन घुस आई और बंदूक की बट व लाठियों से हमला कर उसे घायल कर दिया। इस दौरान उन्हें गंभीर चोटें आईं और उनका मोबाइल भी पुलिस ने छीन लिया। शोर मचने पर ग्रामीण एकत्रित हो गए, जिसके बाद पुलिस टीम मौके से वापस लौट गई।
ग्रामीणों का कहना है कि सीआईए टीम आधी रात करीब 12 बजे बिना किसी पूर्व सूचना और बिना स्थानीय पुलिस को बताए गांव में दाखिल हुई थी। गांव के ही सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम वांछित आरोपित की तलाश में आई थी,जिस पुलिस ने पहले ही इनाम घोषित कर रखा है।
दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लिया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध और झड़प के दौरान उसे छुड़ा लिया गया। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें पुलिस और ग्रामीण दोनों को चोटें आईं। इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर प्रसारित हो रहा है। वीडियो में गाली-गलौज और पुलिस की गाड़ी दिखाई दे रही है। ग्रामीण इस वीडियो को पुलिस की अवैध कार्रवाई का सबूत बता रहे हैं और इसे कानूनी चुनौती देने की बात कह रहे हैं।
मामले को लेकर सीआईए मानेसर प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि उनकी टीम एक वांछित आरोपित खालिद की तलाश में गांव में छापेमारी करने पहुंची थी। आरोपित मौके पर नहीं मिला और पुलिस शांतिपूर्वक वापस लौट गई। ग्रामीणों के लगाए गए आरोप निराधार हैं। पुलिस ने किसी के साथ कोई मारपीट या तोड़फोड़ नहीं की।
बता दें कि मेवात क्षेत्र में यह मामला है जो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग पुलिस पर गैरकानूनी कार्रवाई करने और ग्रामीणों के साथ मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि वांछित अपराधियों को पकड़ने के लिए सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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