Animal Care Tips: गर्मी का कहर जारी, पशुओं को लू से बचाव के लिए जारी हुई स्पेशल एडवाइजरी
पशुपालन विभाग नूंह ने गर्मी में पशुओं को लू से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत पशुओं को छाया में रखने ठंडा पानी पिलाने संतुलित आहार देने और लू के लक्षणों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है। विभाग ने पशुपालकों को जागरूक करने के लिए टीमें गठित की हैं और पशु चिकित्सालयों में दवाइयों का स्टॉक रखने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, नूंह। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा गर्मी के मौसम में पशुओं की सुरक्षा को लेकर पशुपालकों को गर्मी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र सहरावत नेे बताया कि अप्रैल से जून के दौरान तापमान में अत्यधिक वृद्धि होती है, जिससे हीट स्ट्रोक और लू लगने की स्थिति में पशुओं के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।
इससे न केवल पशुओं का स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी गिरावट आती है। उन्होंने बताया कि पशुओं को गर्मी में हीट वेव से बचाव के लिए विभाग की 26 टीमों का पशु चिकित्सकों के नेतृत्व में गठन किया है।
मुख्यालय द्वारा जारी एडवाइजरी सभी पशु चिकित्सकों को भेजकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पशु संस्थाओं में इमरजेंसी दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं। पशु संस्थाओं द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को पशुओं को हीट वेव से बचाने के लिए सरल वैज्ञानिक उपायों के बारे में जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि पशुओं को जरूरत अनुसार संतुलित आहार और रोजाना कम से कम 50 ग्राम मिनरल मिश्रण अवश्य दें। पशुओं को सूखी तूडी ना खिलाकर, तूडी को पशुओं को डालने से पहले कम से कम एक घंटे पानी में भिगोना चाहिए। पशुपालक छोटे पशुओं और गर्भित पशुओं पर विशेष ध्यान दें।
- पशुओं को छायादार स्थान पर रखें
- पशुओं को सीधी धूप से बचाएं
- पेड़ों की छांव, टीन या थर्मोकाल शेड अथवा टाट से ढके स्थान पर रखें
- यदि संभव हो, तो शेड के ऊपर घास या पराली बिछाकर गर्मी को कम किया जा सकता है
- पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पानी कराएं उपलब्ध
- पशुओं को साफ और ठंडा पानी दिन में कई बार पिलाएं
- कोशिश करें कि पानी मटके या प्लास्टिक के बर्तनों में दिया जाए, ताकि वह गर्म न हो
- पशुओं को दें संतुलित आहार
- पशुओं को हरा चारा, खनिज मिश्रण और पर्याप्त मात्रा में सूखा चारा दिया जाए, जिससे उनका शरीर मजबूत बना रहे और लू से मुकाबला कर सके
लक्षणों पर दें विशेष ध्यान
यदि कोई पशु सुस्त हो, बार-बार हांफे, अधिक लार टपकाए या शरीर गर्म महसूस हो, तो यह लू लगने के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। उप-निदेशक डा. सहरावत ने कहा कि पशुओं के रहने के स्थान को ठंडा बनाए रखने के लिए छतों पर पानी का छिड़का करें तथा खिड़कियों-दरवाजों पर गीले बोरे टांगें।
उन्होंने कहा कि यह छोटे-छोटे कदम पशुओं को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं और उनके स्वास्थ्य व उत्पादकता को बनाए रखने में सहायक होंगे। इसके अतिरिक्त फिर भी कोई पशु को लू लग जाती है तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें।
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