मतांतरण मामले में हरियाणा के नए कानून के तहत हुई पहली गिरफ्तारी, महिला की आपबीती सुन उड़े पुलिस के होश
नूंह में पुलिस ने मतांतरण के आरोप में आजम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पीड़िता शीला उर्फ कंचन ने आरोप लगाया है कि आजम ने उसे प्यार के जाल में फंसाकर उसका मतांतरण कराया। मतांतरण के बाद आजम ने शीला को प्रताड़ित किया मंदिर तोड़ दिया और उस पर बुर्का पहनने का दबाव बनाया। पुलिस ने हरियाणा गैरकानूनी मतांतरण प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।

जागरण संवाददाता, नूंह। नूंह जिले में मतांतरण के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिस पर एक महिला का मतांतरण करने का आरोप है। आरोपी की पहचान आजम निवासी मालब, थाना आकेड़ा के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, हरियाणा गैरकानूनी मतांतरण प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत यह पहली गिरफ्तारी हुई है।
उप-पुलिस अधीक्षक नूंह पृथ्वी सिंह ने प्रेसवार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता शीला उर्फ कंचन जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के धनपुरा गांव की निवासी हैं, अपने दो बच्चों के साथ पिछले कई वर्षों से शहर नूंह में रह रही थीं।
वर्ष 2008 में उनकी शादी छुट्टन नामक व्यक्ति से हुई थी, जो नूंह में मजदूरी करता था। लेकिन नशे की लत और आपराधिक गतिविधियों के कारण छुट्टन से शीला का पारिवारिक जीवन बिखर गया। हत्या के एक मामलें में जेल जाने के बाद छुट्टन ने पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया।
इसके बाद शीला अकेले अपने बच्चों के साथ किराए के मकान में रहने लगी और मजदूरी करके उनका पालन-पोषण करती रही। इसी दौरान वर्ष 2020 में उसकी मुलाकात उक्त आरोपित आजम निवासी मालब से हुई।
शीला के अनुसार, आजम ने शुरुआत में मदद का भरोसा दिलाया और बच्चों की देखभाल करने की बात कही। धीरे-धीरे वह उसके घर आने-जाने लगा और प्यार का इजहार कर अपने जाल में फंसा लिया।
शीला का आरोप है कि आजम उसे और बच्चों को नोएड़ा, फिर पानीपत और उसके बाद भिवाड़ी लेकर गया। भिवाड़ी में किराए के मकान पर रहने के दौरान जून 2020 में वह एक मौलाना को साथ लाया और महिला का मतांतरण करा दिया। मतांतरण के बाद आरोपी का रवैया पूरी तरह से बदल गया।
महिला का दावा है कि आजम ने घर में बने मंदिर को तोड़ दिया और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों का अपमान किया। महिला पर बुर्का पहनने, नमाज पढ़ने और तबलीगी जमात में जाने का दबाव बनाया गया। कई बार महिला के साथ मारपीट और गाली-गलौच भी की गई। इतना ही नहीं, एक दिन महिला को जबरन प्रतिबंधित मांस खिलाया।
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इसके अलावा आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में नाम बदलवाने के लिए भी दबाव बनाया गया। बाद में शीला को पता चला कि आजम पहले से शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। जब वह आजम के गांव मालब पहुंची तो उसकी पहली पत्नी और परिजनों ने उस पर हमला कर दिया।
बताया कि वह किसी तरह जान बचाकर वह नूंह लौटी, लेकिन आजम वहीं आकर उसके और बच्चों के साथ रहने लगा। आरोप है कि वह उसकी मजदूरी की कमाई छीन लेता और लगातार शारीरिक व मानसिक शोषण करता रहा।
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