616 करोड़ से बनेगी होड़ल-नूंह-पटौदी सड़क, फोर लेन मार्ग से हजारों को मिलेगी राहत
होडल-नूंह-पटौदी मार्ग को फोर लेन करने की 616 करोड़ की योजना भूमि की कमी के कारण अटकी हुई है। 71 किमी लंबे इस मार्ग के लिए 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता है जो अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। वन विभाग के लिए भूमि की व्यवस्था न होने से योजना में देरी हो रही है।

मोहम्मद हारून, नूंह। 616 करोड़ की लागत से 71 किमी लंबे जिले के मुख्य मार्ग नंबर 132 होड़ल- नूंह पटौदी मार्ग के फोर लेन करने के लिए 200 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। तभी जाकर मार्ग को फोर लेन करने की योजना शुरू हो पाएगी।
इसके लिए फिलहाल कहीं पर जगह की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिस कारण अभी भी यह योजना लटकी हुई। हालांकि योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार ने जून में स्वीकृति प्रदान कर दी थी। वन विभाग के लिए जगह की उपलब्धता नहीं होने के कारण फोर लेन की योजना जल्दी सिरे नहीं चढ़ती दिख रही है।
इससे पहले पलवल-नूंह मार्ग के फोर लेन करने की 137 करोड़ की योजना भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। जानकारों का कहना है कि अगर वन विभाग के पौधे लगाने के लिए भूमि नहीं मिली तो फोर लेन की योजना खटाई में पड़ सकती है।
होड़ल-नूंह-पटौदी मार्ग पलवल व नूंह जिले को जोड़ने का प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग से दोनों जिले उत्तर प्रदेश के मथुरा व आगरा क्षेत्र से भी जुड़ते हैं। इसके अलावा दक्षिणी हरियाणा से को जोड़ने के लिए दोनों जिलों के लिए यह प्रमुख मार्ग है।
इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बहुत ज्यादा है। लेकिन मार्ग संकरा होने के कारण लंबे समय से इसको फोर लेन करने की मांग उठती रही। संकरा मार्ग होने के कारण यहां पर अक्सर दुर्घटनाएं तक होती रहतीं हैं।
लोक निर्माण विभाग की तरफ से इसकी पिछले वर्ष डीपीआर बनाकर भेजी गई थी। इस मार्ग को फोर लेन के लिए बीते 23 जून को अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी। इतना नहीं 71 किमी लंबे मुख्य मार्ग को फोर लेन के लिए 616 करोड़ एक लाख रुपये बजट को स्वीकृति दे दी गई।
क्यों आ रही मार्ग फोर लेन में बाधा?
यह मार्ग साढ़े 17 मीटर चौड़ा होगा। मार्ग को चौड़ा करने के दौरान सड़क के दोनों और पेड़ खड़े हैं। वन विभाग के 2016-17 के नियमों के अनुसार जितने भूमि से पेड़ काटे जाएंगे। उतनी भूमि वन विभाग के लिए पौधे लगाने के वास्ते उपलब्ध कराई जाती है।
मार्ग बनाने वाले विभाग को वन विभाग से एनओसी लेनी पड़ती है। यह एनओसी तभी मिलती है, जब उपयुक्त जगह विभाग को हस्तांतरित कर दी जाती है। विभागीय अधिकारिक सूत्रों के अनुसार होड़ल- नूंह -पटौदी मार्ग को फोर लेन के लिए 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
जो अभी तक एचएसआरडीसी के लिए मिली नहीं है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जगह की तलाश सरकारी व प्राईवेट स्तर पर की जा रही है। जिसकी मिलने की संभावना भी जताई जा रही है।
पलवल- नूंह मार्ग के फोर लेन की योजना भी जा चुकी है ठंडे बस्ते में
वन विभाग के लिए 68 एकड़ भूमि न मिलने के कारण नूंह-पलवल मार्ग के फोर लेन की योजना भी कई सालों में भी सिरे नहीं चढ़ पाई। हालांकि मार्ग के फोर लेने के लिए एनसीआरबी की तरफ से 137 करोड़ रुपये एचएसआरडीसी को कई वर्ष पहले जारी भी कर दिए थे।
विभाग कई वर्ष में भी 68 एकड़ भूमि वन विभाग के लिए उपलब्ध नहीं करा सकी। इसलिए जानकार कहते हैं कि होडल-नूंह - पटौदी मार्ग के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराना मुश्किल लग रहा है।
वन विभाग के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। ये बड़ा काम है। कुछ समय तो लगता ही है। वैसे उम्मीद है कि वन विभाग के लिए जगह की व्यवस्था हो जाएगी तथा यह फोर लेन की योजना सिरे चढ़ेगी।
- सचिन कुमार, कार्यकारी अभियंता एचएसआरडीसी
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