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    'शरिया के मुताबिक किया है निकाह...', 16 साल की नवविवाहिता की गुहार पर हाई कोर्ट का अहम फैसला

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 04:39 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह जिले के एक प्रेम विवाह मामले में बड़ा आदेश दिया है। अदालत ने मुस्लिम रीति-रिवाजों से विवाह करने वाले 20 वर्षीय युवक और 16 वर्षीय युवती की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह विवाह शरिया कानून के अनुसार हुआ था लेकिन लड़की के परिवार ने इसका विरोध किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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    20 वर्षीय युवक और 16 साल की नाबालिग ने शादी के बाद हाई कोर्ट में लगाई गुहार।

    जागरण संवाददाता, तावड़ू। नूंह में प्रेम विवाह के एक मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। जिसमें मुस्लिम रीति-रिवाज से शादी करने वाले युवक-युवती की जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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    मामला नूंह जिले के तावडू उपमंडल के गांव खरक जलालपुर का है। वकील खालिद हुसैन तावड़ू ने बताया कि गांव खरक जलालपुर (सोहना) निवासी 20 वर्षीय युवक ने 20 अगस्त 2025 को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिणी दिनाजपुर की रहने वाली 16 साल 6 महीने की नाबालिग से निकाह कर लिया।

    शादी मुस्लिम रीति-रिवाज (शरिया) के अनुसार हुई और इस विवाह को दर्ज कराने के लिए दंपती ने निकाहनामा भी रजिस्टर्ड कराया, लेकिन यह शादी दोनों परिवारों की इच्छाओं के विपरीत हुई। खासकर लड़की के स्वजन ने इसे मानने से इनकार कर दिया।

    परिवार वालों ने सोहना पुलिस को शिकायत देकर युवक पर मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के स्वजन की ओर से लगातार विरोध और जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं।

    लगातार बढ़ते विवाद और मुकदमे से परेशान होकर दंपती ने निकाह के एक सप्ताह बाद ही हाईकोर्ट में गुहार लगाई। उन्होंने अपने वकील खालिद हुसैन तावड़ू के माध्यम से यह याचिका दायर की।

    याचिका में कहा गया कि यह विवाह पूरी तरह से मुस्लिम पर्सनल लाॅ (कानून) और शरीयत के अनुसार हुआ है। वकील खालिद हुसैन ने दलील दी कि इस्लामी कानून के अनुसार यौन परिपक्वता और बालिग होने को एक ही माना जाता है।

    किताबों और पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लाॅ के अनुसार 15 साल की आयु पूरी करने के बाद विवाह मान्य माना जाता है।

    उन्होंने कोर्ट से न सिर्फ दंपती की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की बल्कि युवक के विरुद्ध दर्ज मुकदमे को खत्म करने और इस शादी को वैध करार देने की मांग भी की।

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