टीबी के इलाज के लिए दवाई और फ्री जांच के साथ मरीजों को छह हजार रुपए भी दे रही सरकार
नूंह में टीबी मरीजों के स्वास्थ्य सुधार के लिए सरकार हर महीने 1000 रुपये का पोषण अनुदान दे रही है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की मुफ्त जांच और दवा उपलब्ध है। डॉक्टर राजविंदर सिंह मलिक ने बताया कि दिसंबर 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का अभियान चल रहा है जिसमें 56 गांव पहले ही टीबी मुक्त हो चुके हैं।

संवाद सहयोगी, नगीना (मेवात)। जिला नूंह के उप सिविल सर्जन डाक्टर राजविंदर सिंह मलिक ने कहा कि टीबी मरीजों की सेहत में सुधार लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर माह एक हजार रुपए का पोषण अनुदान देती है। यह छह महीने का पूरा इलाज होने पर दिया जाता है।
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की मुफ्त जांच और दवा मिलती हैं। इस अभियान में एसपीआईडी भी मरीजों को पोषण किट देती है। गांव भादस के उप स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि टीबी भले ही जानलेवा बीमारी हो लेकिन अब इसका इलाज बुखार जैसा है।
अगर खांसी, बुखार, पसीने आना, सीने में दर्द, बलगम में खून और शरीर में गांठे जैसे लक्षण पैदा होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं। इलाज छह महीने तक नियमित लेना जरूरी है, ताकि बीमारी जड़ से खत्म हो जाए। अगर मरीज इलाज लेने में लापरवाही करता है तो बीमारी बढ़ जाती है।
जिसका इलाज लंबा होता है। डाक्टर राजविंदर सिंह मलिक ने कहा कि दिसंबर 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का अभियान केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से नूंह चलाया जा रहा है। इस दिशा में 56 गांव टीबी फ्री हो चुके हैं।
अगले कुछ महीनों में जिले के सैंकड़ों गांवों को टीबी फ्री किया जाएगा। इस मौके पर जिला समन्वयक मोहम्मद अरशद, जिला संयोजक मोहम्मद शाकिर, एसटीएस मोहम्मद फैज, एसपीआईडी सुपरवाइजर मुस्ताक अहमद, मुस्तकीम, राशिद खान व वसीम आदि मौजूद रहे।
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