Move to Jagran APP

दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे जल संचयन को देगा बढ़ावा, दोनों ओर लगाए गए हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

श के सबसे लंबे तथा बहुचर्चित दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर वर्षा के पानी को संचयन के लिए हजारों की संख्या में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने हैं। यह हार्वेस्टिंग सिस्टम हर 500 मीटर की दूरी पर लगाए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariPublished: Tue, 07 Feb 2023 05:53 PM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2023 05:53 PM (IST)
दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे जल संचयन को देगा बढ़ावा, दोनों ओर लगाए गए हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
जल संचयन को बढ़ावा देगा दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे,

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका। करीब 95 हजार करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहे देश के सबसे लंबे तथा बहुचर्चित दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे (एनएच 148एन) से एक तरफ जहां मेवात क्षेत्र की कायापलट होने वाली है, वहीं यह राष्ट्रीय राजमार्ग इस क्षेत्र में जल संचयन तथा संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी भी साबित होने वाला है।

loksabha election banner

मेवात में अब तक का सबसे बड़ा कदम

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की योजना के मुताबिक 1350 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर वर्षा के पानी को संचयन के लिए हजारों की संख्या में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने हैं। यह हार्वेस्टिंग सिस्टम हर 500 मीटर की दूरी पर लगाए गए हैं। मेवात क्षेत्र में एनएचएआई द्वारा जल संचयन की दिशा में उठाया गया यह अभी तक का सबसे बड़ा कदम है। इससे पहले इस तरह के प्रयास यहां कभी नहीं उठाए गए थे।

पर्यावरण संरक्षण को भी मिलेगा बल

दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे अपने आप में एक बेमिसाल सड़क है। यह सड़क जहां दुनिया के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे को लेकर विख्यात हो गई है। वहीं जल संचयन तथा अपने हरियाली के अंदाज को लेकर भी काफी चर्चा में है। इस एक्सप्रेस-वे पर जहां हर 500 मीटर के दायरे में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं। वहीं इसपर लगभग 30 लाख पौधे भी लगाए गए हैं।

पर्यावरण तथा जल संरक्षण को मिलेगा बल

परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने कहा कि निश्चित ही इन पौधों तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लगने के बाद क्षेत्र और आसपास के इलाकों में पर्यावरण तथा जल संरक्षण को बल मिलेगा। दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के किनारे काफी संख्या में पौधे लगाए गए हैं। इनमें से 70 प्रतिशत पौधे अभी जीवित हैं और 30 प्रतिशत पौधे सूख गए हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर सूखे गए पौधों की जगह नए पौधे लगाए जााएंगे। इसको लेकर तैयारी की जा रही है। 

यह भी पढ़ेंHaryana: नूह के अलीपुर तिगरा गांव में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, एक व्यक्ति की मौत; तनाव के बीच पुलिस बल तैनात

जल बिरादरी हरियाणा-राजस्थान मेवात क्षेत्र के अध्यक्ष हाजी इब्राहिम ने कहा कि एनएचएआई (सोहना) जल संचयन की दिशा में उठाए जा रहे प्रयासों से मैं बहुत खुश हूं। निश्चित ही इस योजना ने जल संरक्षण के प्रति मेरी उम्मीद बढ़ा दी है। इस एक्सप्रेस-वे पर हार्वेस्टिंग यंत्र लगने पर इसका फायदा नूंह को ही नहीं बल्कि समुचित क्षेत्रों को होगा। हालांकि नूंह में इस दिशा में ओर भी अधिक कार्य करने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें- Haryana: फिरोजपुर झिरका के गांव अलीपुर तिगरा में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, एक की मौत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.