दिल्ली के पास भी जामताड़ा! साइबर ठगी कर झोपड़ीवालों ने बनवाए आलीशान घर, 200 गांवों में घूम रही महंगी गाड़ियां
जंगल व पहाड़ियों से मेवात क्षेत्र के गांव तिरवाड़ा पाई गामड़ी नोगावां जुरहरा नई ऐसे गांव है जहां झोपड़ी से लेकर आलीशान मकान तक का सफर साइबर ठगों ने तय किया है। इन गांव में आलीशान मकान के आगे महंगी गाड़ियां खड़ी हैं

नूंह/मेवात, जागरण संवाददाता। जंगल व पहाड़ियों से मेवात क्षेत्र के गांव तिरवाड़ा, पाई, गामड़ी, नोगावां, जुरहरा, नई ऐसे गांव है, जहां झोपड़ी से लेकर आलीशान मकान तक का सफर साइबर ठगों ने तय किया है। इन गांव में आलीशान मकान के आगे महंगी गाड़ियां खड़ी हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि मकान पर ताला लगा रहता है।
कई घर तो ऐसे हैं, जिनका पूरा परिवार साइबर ठगी के धंधे में संलिप्त है। पुलिस के छापे के डर से दिन में गांव के लोग घरों में नहीं रहते। पौधे के झुरमुट में या फिर पहाड़ी पर बैठकर लैपटॉप व मोबाइल के सहारे साइबर ठगीकरते है। इनके मुखबिर इन्हें पुलिस की गाड़ी के गांव में आने से पहले ही सूचना दे देते है।
एक्सपर्ट हुए साइबर ठग
ऑनलाइन ठगी करने में मेवात के ठग इतने एक्सपर्ट हो चुके हैं कि वह ऑनलाइन ही रियल स्टेट में निवेश कर रहे हैं। मेवात के ठग कभी भी ईडी के रडार पर आ सकते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब पांच शातिर ऐसे हैं, जो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर हैं, उनके खिलाफ कभी भी कार्रवाई हो सकती है। हैरानी की बात यह है कि जिन साइबर ठगों ने आलीशान बंगले बनाए हैं, उनमें कई तो बीपीएल कार्ड धारक परिवार से हैं। चिह्नित गांव में औसतन हर तीसरा मकान ठगी की रकम से बना हुआ है। चिह्नित 402 साइबर ठगों में से 200 से अधिक आलीशान मकान बना चुके हैं।
इन अपराधियों की संपत्ति हुई जब्त
ठगी से अमीर बनने वाले अपराधियों पर पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। पिनगवां के बाजीदपुर के रहने वाले फारुख की संपत्ति बीते दिनों नूंह पुलिस ने जब्त की थी। उसके मकान पर सील लगाई गई थी। मकान में तीन कमरे है।
फारुख पर गुजरात, राजस्थान, हरियाणा में एटीएम से चोरी, ठगी, पुलिस पर फायरिंग करने के मुकदमें दर्ज है। इसके अलावा नई गांव के रहने वाले याकूब को उद्घोषित अपराधी घोषित करते हुए उसकी आठ मरला जमीन जब्त की जा चुकी है। उसके तार भी साइबर ठगों से जुड़े हुए है।
संसाधनों की कमी का लाभ उठा रहे ठग
ऐसा नहीं है कि पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठी है। देशव्यापी बदनामी के बाद मेवात क्षेत्र में पांच हजार पुलिसकर्मियों की दबिश सरकार के निर्देश पर हुई। आरोपितों के खिलाफ 13 हजार मामले प्रकाश में आए, लेकिन पुलिस पूरी तरह से अभी तक नियंत्रण नहीं कर सकी है।
जो अपराधी पकड़े जाते हैं, वह संसाधनों की कमी, अनुसंधान की धीमी रफ्तार व सिस्टम की खामियों के चलते जल्द ही जमानत पर छूटकर बाहर आ जाते हैं और फिर ठगी में लिप्त हो जाते हैं। वैसे साइबर अपराध को रोकने व सूचनाएं यथाशीघ्र साझा करने के उद्देश्य से ऑनलाइन इंवेस्टिगेटिंग कापरेशन रिक्वेस्ट प्लेटफार्म (ओआइसीआर) बनाकर एक बेहतर कोशिश की गई है।
इससे अन्य राज्यों से मेवात क्षेत्र की पुलिस का संवाद बढ़ा है। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, दिल्ली व महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने ओआइसीआर के जरिए शातिरों की गिरफ्तारी के लिए उनसे संबंधित सूचनाएं व लोकेशन नूंह पुलिस को भेजी।

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