Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    मेवात में भूमि घोटाले की जांच शुरू, कई राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 12:10 PM (IST)

    मेवात में भूमि घोटाले की जांच शुरू हो गई है। उपायुक्त ने विशेष टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर सरकारी भूमि को निजी हाथों में बेच दिया, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    Hero Image
    house sell fraud

    संवाद सहयोगी, तावड़ू। ग्राम पंचायत सराय के अंतर्गत गंगानी गांव की पंचायती भूमि की जांच का मामला अब जिला उपायुक्त के संज्ञान में आ चुका है। जिला उपायुक्त अखिल पिलाने की माने तो इसकी गहनता से जांच की जा रही है, एक सप्ताह के अंदर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। जिसकी भी इसमें लापरवाही या संलिप्तता सामने आती है उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं सराय ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि देवेंद्र ने भी पंचायती जमीन को बचाने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है। उन्होंने भी सीधे तौर पर कहा कि अगर भूमि पंजीकरण रद् नहीं हुआ तो वह अपने सरपंच एसोसिएशन के साथ आगे तक लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायती भूमि का बंदर बांट किसी सूरत में नहीं होने देंगे।

    तहसील सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 20 मार्च 2025 को इसी भूमि का टोकन तत्कालीन एसडीएम संजीव कुमार के नाम काटा गया था। जब उन्होंने दस्तावेजों की जांच की तो टोकन कैंसिल कर दिया गया। इसके उपरांत तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लिए अलग-अलग टोकन काटे गए जब उन्होंने भी भूमि पंजीकरण करने से मना कर दिया तो दोनों अधिकारियों का तबादला भी कर दिया गया।

    इससे लगता है कि यह मामला बहुत ऊपर तक यानि कि सरकार में बैठे कुछ बड़े नेताओं और मंत्रियों से भी जुड़ा हुआ है। इसके लिए अपने चहेते अधिकारी को तहसीलदार की जिम्मेदारी सौंप बीते तीन अक्टूबर 2025 को इस भूमि का पंजीकरण करा दिया गया।

    सरपंच प्रतिनिधि सहित स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वह अपनी ग्राम पंचायत की भूमि को किसी भी हालत में लुटेरों के हाथ में नहीं जाने देंगे। फिर इसके लिए चाहे उन्हें किसी हद तक भी क्यों नहीं जाना पड़े..?
    वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 65 करोड़ रुपये से अधिक की पंचायती भूमि को मात्र सवा आठ करोड़ रुपये में बेच दिया गया।

    यह बड़ा घोटाला तो है ही साथ ही सरकार के राजस्व को भी भारी चूना लगा है। इस संबंध में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी,तावड़ू अरुण कुमार यादव ने जिला उपायुक्त को पत्र लिख भूमि पंजीकरण को रद्द करने और इस पूरे मामले में संलिप्त अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।