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    पत्नी की आंखों की रोशनी गई तो डा. जितेन्द्र ने उठाया दुनिया को रोशन करने का बीड़ा

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:21 PM (IST)

    अटेली निवासी सेठ महावीर प्रसाद के पोते डा. जितेन्द्र अग्रवाल सार्थक एजुकेशन ट्रस्ट चलाकर 20 हजार से अधिक दिव्यांगों को विशेष प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।

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    पत्नी की आंखों की रोशनी गई तो डा. जितेन्द्र ने उठाया दुनिया को रोशन करने का बीड़ा

    सुभाष दूरदर्शी, मंडी अटेली:

    अटेली निवासी सेठ महावीर प्रसाद के पोते डा. जितेन्द्र अग्रवाल सार्थक एजुकेशन ट्रस्ट चलाकर 20 हजार से अधिक दिव्यांगों को विशेष प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। बड़े-बड़े शहरों में 21 संस्था चल रही है, जिसमें ऐसे बच्चों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे आत्म निर्भर बन सकें। उनका लक्ष्य 2023 तक एक लाख बच्चों को विशेष ट्रेनिग देकर आत्म निर्भर बनाने का है। इसके लिए वे गांव स्तर तक अपनी संस्था ले जाएंगे। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। इन बच्चों को कंपनी की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि उनको रोजगार कंपनी में मिल सके। 1000 के करीब ऐसी कंपनी है जो उनकी संस्था से जुड़ी हुई है। यहां प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों को अपनी कंपनी में काम दे रही है। उन्होंने बताया कि शुरू में कंपनी वाले यह सोच कर इन बच्चों को लेने से मना कर रहे थे कि यह कैसे काम कर पाएंगे। अब कंपनी के प्रबंधक स्वयं यह बताते हैं कि उनके बच्चे अन्य से बेहतर काम करते हैं। डा. जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि आत्म निर्भर बने बच्चों से अपने अनुभव पूछते हैं तो वे बताते हैं कि पहले घर के लोग उन्हें बोझ के नजर से देखते थे। अब नौकरी लगने के बाद उन्हें सम्मान की नजर से देखते हैं। उनसे पूछा गया कि क्या आपकी पत्नी भी इसमें सहयोग करती है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी डा. सुमन अग्रवाल इस काम में उनका पूरा सहयोग दे रही है। डा. जितेन्द्र अग्रवाल ने अटेली में ही पढ़ाई की तथा बीडीएस की डिग्री हासिल कर उन्होंने दिल्ली में 2004 में विकासपुरी में एक अस्पताल खोला। उनकी पत्नी सुमन अग्रवाल भी बीडीएस हैं। 2008 में एकाएक उनकी आंखों की रोशनी चली गई। रोशनी जाने के बाद उन्हें अपने दर्द के साथ ऐसे अन्य लोगों का दर्द याद आया जो जन्म से अंधे हैं या बाद में किसी कारण नेत्र खो दिए। उन्होंने 2008 में ही यह सोच लेकर सार्थक एजुकेशन ट्रस्ट के माध्यम से ऐसे बच्चों को प्रशिक्षण देना शुरू किया जो मरते दम तक जारी रखेंगे। वे सभी बच्चों को उनको योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण दिलाते हैं। उनकी संस्था में पढ़ाने वाले ऐसे बच्चे भी बहुत हैं जो यहां से प्रशिक्षण हासिल कर यहीं शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। वैसे तो डा. जितेन्द्र को इस कार्य के लिए देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अबदुल कलाम भी सम्मानित कर चुके हैं। डा. जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जब वे डा. एपीजी अब्दुल कलाम से मिले तो उन्होंने उनकी पत्नी से व उनसे तीन बार पूछा कि आप दूसरों को रोशनी दे रहे हैं आप की आंखों में रोशनी कैसे आये। अब 27 नवंबर को कौन बनेगा करोड़पति के कार्यक्रम कर्मवीर में अमिताभ बच्चन के साथ ट्रस्ट के उद्देश्यों के साथ अपनी पत्नी डा. सुमन के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

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