मानसिक प्रबलता बढ़ाने में भगवद्गीता अहम
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संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में मनोविज्ञान विभाग की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया। 'परामर्श: भगवद्गीता के परिपेक्ष्य में' विषय पर आयोजित इस वेबिनार में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज मुख्य वक्ता थे। उन्होंने अपने संबोधन में प्रतिभागियों को अपनी ऊर्जा को भविष्य की चिताओं में लगाने की बजाय इच्छाशक्ति मजबूत करने, आत्मविश्वास और जमीनी स्तर पर उपलब्ध चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने भगवद्गीता परामर्श का सर्वोत्तम ग्रंथ बताते हुए कहा कि इसमें विद्यार्थी, शिक्षक व समाज के सभी वर्गों से संबंध रखने वालों के लिए जीवन की विभिन्न दुविधाओं का निदान उपलब्ध है। यह न केवल मानव समस्याओं का समाधान करता है, अपितु तकनीक, प्रकृति, पोषण के प्रायोगिक समाधान भी उपलब्ध कराता है। स्वामी ने भगवान कृष्ण को सर्वोत्तम मनोचिकित्सक कहते हुए गीता को मनोविज्ञान का सबसे प्रमुख ग्रंथ बताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ मानसिक प्रबलता की भी जरूरत है और इसे गीता के ज्ञान से पाया जा सकता है। कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने भगवद्गीता के महत्त्व को नैतिक शिक्षा से जोड़ते हुए कहा कि इसका ज्ञान विद्यार्थियों के लिए बेहद आवश्यक है। वह प्रयास करेंगे कि आगामी सत्र से विद्यार्थी इसका विधिवत अध्ययन कर पाए। कुलपति ने इसमें मुख्य वक्ता स्वामी ज्ञानानंद महाराज का भी सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में फैली कोरोना महामारी के बीच सबसे ज्यादा शिक्षा का क्षेत्र प्रभावित नजर आ रहा है। विद्यार्थी कक्षाएं आयोजित न हो पाने के चलते मानसिक रूप से परेशान हैं। इसका असर अब अभिभावकों पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भगवद्गीता संकट में मनुष्य को असहाय अवस्था से सशक्त व सक्षम स्थिति में पहुंचा देती है। विज्ञान की सीमाओं के पार समाधान प्राप्त करने, आधुनिकता के झगड़ों के ऊपर उठने, तकनीकी संघर्षों को सुलझाने, प्राकृतिक असंतुलन को दूर करने तथा प्रकृति एवं पोषण के समस्त द्वंद्वों का समाधान करने में भगवद्गीता वरदान के समान है। वेबिनार में डॉ. भीमराव आंबेडकर कॉलेज दिल्ली के सहआचार्य डॉ. नवीन कुमार ने गीता में वर्णित महत्वपूर्ण बातों के माध्यम से मौजूदा समय में मानिसक प्रबलता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.वीएन यादव, डॉ.प्रदीप कुमार, आचार्य डॉ.पायल चंदेल, डॉ.ऋतु शर्मा, प्रो.उमेद सिंह, डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ.दिनेश चहल आदि मौजूद थे।

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