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    मांदी में वर्मी कंपोस्ट इकाई का उद्घाटन (एंकर)

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 02 Nov 2021 07:47 PM (IST)

    सरकार की ओर से कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाने के लिए कारगर साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का फायदा उठाकर न केवल खुद की आजीविका स्थापित होती है बल्कि अन्य नागरिकों को भी रोजगार मिलता है।

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    मांदी में वर्मी कंपोस्ट इकाई का उद्घाटन (एंकर)

    जागरण संवाददाता, नारनौल: सरकार की ओर से कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाने के लिए कारगर साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का फायदा उठाकर न केवल खुद की आजीविका स्थापित होती है बल्कि अन्य नागरिकों को भी रोजगार मिलता है। उपायुक्त अजय कुमार ने मंगलवार को जिला के गांव मांदी में एग्रो इंडस्ट्रीज की वर्मी कंपोस्ट इकाई के उद्घाटन अवसर पर कहा कि खादी ग्राम उद्योग द्वारा पीएमइजीपी योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की यूनिट लगाई गई है। फर्टिलाइजर व जहरीले कीटनाशकों के कारण लगातार फसलों में पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है। ऐसे में यहां तैयार वर्मी कंपोस्ट खाद पोषक तत्वों से ना केवल भरपूर होगी बल्कि वर्मी कंपोस्ट के द्वारा तैयार फसल पोषक तत्वों से लबरेज होगी।

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    उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में स्किल्ड और अनस्किल्ड लेबर को भी रोजगार मुहैया करवाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिखाया गया विजन स्वच्छ भारत अभियान में भी हम अहम योगदान निभाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए केले के पत्ते, गली सड़ी सब्जी व अनाज या अन्य हरा कूड़ा करकट आदि एकत्रित करके खाद बनाएंगे। गौशालाओं का गोबर आदि से वर्मी कंपोस्ट तैयार करेंगे। इस तरह से एक तरफ गंदगी खत्म होगी वहीं बीमारियां भी नहीं पनपेंगी। इस क्षेत्र में व्यवसाय के नए रास्ते खुलेंगे। वहीं, राव रणवीर सिंह ने उपायुक्त का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के प्रबंधक जिले सिंह महरानियां, राव भूप सिंह, राव अनूप सिंह, रणवीर सिंह, अंकित यादव, राजेश, पूर्व सरपंच नरेंद्र यादव, विनोद भील, जोगेंद्र सिंह बडेसरा, सत्यनारायण यादव, सोनू यादव, पूर्व सरपंच सुखदेव सिंह, पूर्व सरपंच मुन्ना पुनिया, सूबे सिंह यादव के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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    ग्रामीण क्षेत्र में आज भी ज्यादातर आबादी कृषि कार्यों पर आधारित है। आज के दौर में जमीन भी कम होती जा रही है। ऐसे में सख्त जरूरत है कि पौष्टिक और ज्यादा तादाद में फसल व सब्जियां उगाई जाए। आने वाले समय में पशुपालकों का गोबर व मूत्र भी यह इंडस्ट्री खरीदेगी और उससे जैविक खाद तैयार करेगी।

    अजय कुमार, उपायुक्त, नारनौल