Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी है देसी खाने का क्रेज

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 16 Jan 2021 05:21 PM (IST)

    बेशक आधुनिक पीढ़ी में युवा बड़े-बड़े होटलों में खाना खाना पसंद करते हों लेकिन ग्रामीण परिवेश में आज भी ग्रामीण देसी भोजन ही पसंद कर रहे हैं।

    Hero Image
    ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी है देसी खाने का क्रेज

    संवाद सहयोगी, कनीना: बेशक आधुनिक पीढ़ी में युवा बड़े-बड़े होटलों में खाना खाना पसंद करते हों, लेकिन ग्रामीण परिवेश में आज भी ग्रामीण देसी भोजन ही पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग हष्टपुष्ट होते हैं। शुद्ध हवा, शुद्ध पानी के साथ-साथ काफी हद तक शुद्ध भोजन भी खाने को मिल रहा है। छाछ, दही, दूध, मक्खन,बाजरे की रोटी, रायता, खाटा का साग, भाजी,पराठे आदि भोजन में शामिल किए जाते हैं। 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग आज भी बाजरे की रोटी को जी भर के दही एवं चटनी के साथ खाते हैं। बुजुर्ग मोहर सिंह, राजेंद्र सिंह, संतरा, प्रताप सिंह, कृष्ण कुमार आदि से बात की तो उन्होंने कहा कि जब तक सर्दियों में उन्हें देसी खाना जी भरके नहीं मिलता, तब तक चैन नहीं मिलता। यही कारण है कि किसान हो या कोई कर्मचारी वह ग्रामीण क्षेत्रों में जी भर के देसी खाना खाकर आता है। सेना में है भारी तादाद

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कनीना और आसपास के अहीर बाहुल्य क्षेत्र में सबसे अधिक सेना में भर्ती सैनिक हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन पालते हैं और पशुधन से प्राप्त दूध, मक्खन, घी, पनीर,मावा, खीर आदि जमकर खाते हैं। बुजुर्ग के समक्ष अगर आज भी चटनी, दही और पराठे आदि रख दिये जाएं तो वह जमकर खाना खाता है। यदि बुजुर्गों के सामने फास्ट फूड रख दिया जाए तो बुजुर्ग भूखा ही रहता है।

    बाक्स-----

    सुपर फूड है बाजरा

    बाजरे को सुपर फूड माना जाता है। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैगनीज, फास्फोरस, फाइबर, विटामिन बी और कई तरह के एंटीआक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार है, कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ाता है,शरीर में गर्मी प्रदान करता है, कार्बोहाइड्रेट एवं फाइबर प्रदान करता है।

    बाजरे से बन रहे हैं कई पदार्थ

    करीरा के महाबीर सिंह किसान बताते हें कि जो लोग बाजरा नहीं खाते उनके लिए बाजरे के बिस्कुट, केक, पीजा बनाना शुरू कर दिया गया है। इस प्रकार बाजरे की ओर युवा वर्ग भी परोक्ष रूप से आकर्षित हो रहा है।