थारी जय हो पवन कुमार मैं वारी जाऊं बालाजी..
जागरण संवाददाता, नारनौल : पापमोचनी एकदशी के पावन अवसर पर मंगलवार रात शहर के मोहल्ला खड
जागरण संवाददाता, नारनौल : पापमोचनी एकदशी के पावन अवसर पर मंगलवार रात शहर के मोहल्ला खड़खड़ी में श्रीराम हनुमान गुणगान प्रचार मंडल, श्री संकट मोचन संकीर्तन मंडल व श्रीराम मेहंदीपुर बालाजी सेवा संघ के संयुक्त तत्वावधान में निशुल्क संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम गुरुजी सांवरमल गोयल के सानिध्य में हुआ। अध्यक्षता मंडल के प्रधान आचार्य क्रांति निर्मल शास्त्री ने की। सर्वप्रथम पं. संदीप शास्त्री ने मुख्य यजमान बलराम बंसल, हितेश बंसल, विकास बंसल, राजा बंसल तथा पवन गर्ग से ज्योति प्रज्वलित कराई।
पूजन के बाद सुंदरकांड पाठ का शुभारंभ किया गया। इसमें ज्ञानस्वरूप शर्मा, विवेक निर्मल, दीपक शर्मा, काशीराम, सचिन बंसल, दिनेश बारी, दिनेश धूपवाला व नरेश मित्तल ने दोहे चौपाइयों का संगीत की मधुर धुनों के साथ गायन किया। इसके बाद भजनों का दौर शुरू हुआ। इसमें गायक परमानंद ने थारी जय हो पवन कुमार मैं वारी जाऊं बालाजी व युवा गायक विकास जांगिड़ ने बालाजी थाने कोण सजाओ जी म्हारो मनड़ो हर लियो थारी सूरत मतवारी व धमाल सुनाकर भक्तों को खूब नचाया। अंत में आचार्य क्रांति निर्मल शास्त्री ने अपने भजन के माध्यम से प्रसाद रूपी खजाना लुटाया। कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मंडल के संस्थापक ज्ञानस्वरूप शर्मा ने आगामी 18 मार्च को सभी अपने घरों में हिन्दू नवसंवत्सर को धूमधाम से मनाने पर बल दिया। इस मौके पर प्रमुख रूप से महंत कैलाश हरित, वैद्य किशन वशिष्ठ, प्रदीप अग्रवाल बुहाना, मनीष संघी, दिनेश सोनी, मास्टर धर्म¨सह, नवीन अग्रवाल, अन्नू अग्रवाल, मनोज मित्तल, नंदू लखेरा, मनोज वालिया, नर¨सह बंसल, केशव मित्तल, दीक्षांत, अविनाश, राकेश, दीपक सर्राफ, पवन, मनीष, माया बंसल, भांवना, सोनिका, आंचल, चंचल, किरण, ममता, ¨प्रसी, तनवी, पीहू, दिव्या आदि मौजूद थे।
सुंदरकांड में बही भजनों की धारा
जासं, नारनौल : श्री मेंहदीपुर बालाजी मित्र मंडल का साप्ताहिक निश्शुल्क सुंदरकांड पाठ बालकिशन अग्रवाल गुरुजी के सानिध्य में मंगलवार को गो¨वद टाकीज के पास हुआ। मुख्य यजमान महावीर प्रसाद बौहरा सपरिवार थे। इस अवसर पर आचार्य योगेश जी ने विधिवत पूजन कराया। सुंदरकांड पाठकों में महावीर प्रसाद अग्रवाल, विजय हल्दीया, नवीन बंसल, अशोक ¨सघल, नरेन्द्र, संजय आदि ने मधुर स्वरों में गुणगान किया। सुंदरकांड पाठ के बाद भजनों का दौर शुरू हुआ। इसमें गौतम ने मेरा संकट कट गया रे मेहंदीपुर के दरबार में, लालचंद सैनी ने मां मेरे मन को भाई तेरी लाल चुनरिया, विरेन्द्र, संजय आदि ने मधुर स्वर में गुणगान किया। इस अवसर पर सूरज बौहरा, मदन मोहन संघी, संजय अग्रवाल, किशन वशिष्ठ, अनतू जी, प्रवीण आदि शामिल थे।
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