Water Crisis: गर्मी दिखाने लगी तेवर, जल संकट से जूझ रहे हरियाणा के ये दो जिले
पंजाब द्वारा पानी रोके जाने से हरियाणा में जल संकट गहरा गया है खासकर महेंद्रगढ़ और दक्षिणी हरियाणा के जिलों में। इन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति 40% तक घट गई है। जनस्वास्थ्य विभाग ने आपात स्थिति घोषित करते हुए जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है। 45 साल पहले बंद हुई दोहान और कृष्णावती नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बलवान शर्मा, नारनौल। भाखड़ा बांध से हरियाणा को दिए जाने वाले पानी को पंजाब ने रोक दिया। इससे हरियाणा में पेयजल संकट खड़ा हो गया। प्रदेश को करीब साढ़े आठ हजार क्यूसेक पानी की जरूरत थी और मिल रहा है महज चार हजार क्यूसिक। इसका सर्वाधिक असर दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़,भिवानी, दादरी,रेवाड़ी,गुरुग्राम और झज्जर जिलों पर पड़ रहा है।
इन जिलों में खेती व पेयजल व्यवस्था नहरी पानी पर ही आश्रित है। महेंद्रगढ़ व आस-पास के जिलों में सामान्य दिनों की तुलना में महज 40 प्रतिशत ही पानी मिल पाया है। 16 मई को नहर बंद हो गई थी और अब 10 जून के बाद ही पानी मिलने की उम्मीद है। इन हालात में केवल पेयजल वाले जलघरों की जरूरत भी पूरी नहीं हुई है।
जोहड़ों को भरने की बात तो दूर की है। जनस्वास्थ्य विभाग ने इन परिस्थितियों को आपात मानते हुए 30 जून तक पानी बचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पानी के इस संकट के चलते दक्षिण हरियाणा की 45 साल पहले बंद हुई दो नदियोंं की न केवल याद ताजा हो गई है,बल्कि उनको पुनर्जीवित करने की सख्त जरूरत महसूस हो रही है।
सिंचाई विभाग ने राजस्थान की ओर से आने वाली दोहान और कृष्णावती नदियों को अस्तिव में लाने के लिए 13 करोड़ रुपये खर्च कर 1600एमएम की पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया है। जेएलएन से इन नदियों में पानी छोड़ा जाएगा। वर्तमान में ये नदियां भले ही अपने पुराने स्वरूप में नहीं हैं पर ये प्राकृतिक अंडरग्राउंड वाटर स्टोरेज टैंक का कार्य कर रही हैं।
दोहान नदी से जोड़ने के लिए डाली जा रही पाइप लाइन।
दोहान नदी का पानी नारनौल, महेंद्रगढ़ तथा दादरी से आगे तक की भूमि को सिंचित करता था। कृष्णावती नदी का पानी राजस्थान से नारनौल, कनीना और रेवाड़ी में आकर साहबी नदी में मिल जाता था। अरावली पर्वत श्रंखला से निकलने वाली इन दोनों नदियों पर राजस्थान सरकार ने बांध बनाकर रोक पानी रोक दिया गया था।
वर्तमान में स्थिति यह है कि जनवस्वास्थ्य विभाग पानी की राशनिंग कर रहा है और कभी दो दिन छोड़कर एक दिन तो कभी एक दिन छोड़कर एक दिन सप्लाई कर रहा है।
प्रदेश में नल कनेक्शन: 3772225
दक्षिण हरियाणा में नल कनेक्शन- 972049
सभी जिलों में प्रत्येक गांव के सरकारी स्कूलों के माध्यम से बच्चों को पेयजल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा। गर्मी की छुट्टियों से पहले स्कूलों में रैलियां, प्रतियोगिताएं आदि आयोजित की जाएंगी, ताकि जन-जन को पेयजल के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में 30 जून तक ग्राम जल एवं सीवरेज समिति की बैठकें और जल चौपाल आयोजित की जाएंगी, ताकि जन भागीदारी सुनिश्चित हो और कोई भी नल खुला न छोड़ा जाए। हर नल पर टोंटी लगाना अनिवार्य किया जाएगा और विभागीय टीमें घर-घर जाकर ग्रामीणों को इसके लिए प्रेरित करेंगी।
राजीव बातिश
निदेशक एवं चीफ इंजीनियर
जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन, हरियाणा
दोहान और कृष्णावती नदियों में पानी डालने के लिए जेएलएन से 1600 एमएम पाइप लाइन बिछाई जा रही है। दोनों नदियों पर चार एस्केप( पानी छोड़ने के मार्ग) बनाए गए हैं। दक्षिण हरियाणा विशेषकर महेंद्रगढ़ जिले में लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम है। जैसे ही अचानक लाइट चली जाए तो पिछे से आ रहे पानी को नियंत्रित करने के लिए एस्केप मार्ग से पानी छोड़ा जाता है। कभी कोई दुर्घटना हो जाए या फिर वर्षा के दिनों में नदियों को रिचार्ज करने के लिए पानी इन पाइप लाइन के जरिये छोड़ा जाएगा। वर्तमान में ये दोनों नदियां हमारे लिए अंडरग्राउंट वाटर स्टोरेज का कार्य कर रही है। इन नदियों की मिट्टी तुरंत पानी को सोख लेती है और रिचार्ज बोर बनाने की जरूरत नहीं होती है। जलस्तर में सुधार होता है तो किसान अपने बोर के जरिये पीने के पानी की आवश्यकता की पूर्ति कर सकते हैं।
राजेश खत्री
अधीक्षण अभिंयता
सिंचाई विभाग
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