Narnaul News: 55 साल पुराना अस्पताल भवन खंडहर में तब्दील, हो सकता है बड़ा हादसा
बारिश के मौसम में नारनौल के नागरिक अस्पताल का जर्जर भवन खतरे का सबब बन गया है। 1970 में बना यह भवन खस्ताहाल है जिसमें सीलन और टूटी खिड़कियां हैं। छत से पानी टपकता है और मलबा गिरने का डर बना रहता है। मरम्मत के बावजूद स्थिति जस की तस है। एक नया भवन निर्माणाधीन है लेकिन फिलहाल बंद है।

जागरण संवाददाता, नारनौल। वर्षा का सीजन शुरू हो चुका है। इस सीजन में पुराने भवन गिरने की आशंका सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ जाती है। इन हालात के बीच यदि हम जिला नागरिक अस्पताल के भवन का मुख्य ढांचे की बात करें तो यह खंडहर में तब्दील हो रहा है।
इस भवन का शुभारंभ 1970 में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री खुर्शीद अहमद ने किया था। 100 बिस्तरों वाले अस्पताल भवन को बने 55 साल हो चुके है। यह उस समय दो मंजिला भवन बनाया गया था।
दैनिक जागरण ने इस अस्पताल भवन के हालातों की पड़ताल की। इस दौरान पाया कि अस्पताल के भवन में सीलन आई हुई है। यहां तक की आपात वार्ड में भी सीलन है। साथ ही जनरल वार्ड सहित अन्य कमरों की खिड़की और दरवाजे टूटे हुए हैं। इस भवन की बाहर की दीवारों जर्जर हालात में हो चुकी है।
वर्षा के दिनों में छतों से पानी टपकता है। भवन के ऊपरी हिस्से के बीम का भारी भरकम मलबा कई बार पहले भी गिर चुका है। इसकी वजह से भवन के मुख्य ढांचे के गिरने की आशंका है। इससे कर्मचारियों व मरीजों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है। हालांकि पिछले साल स्वास्थ्य विभाग पुराने भवन की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च कर चुका है।
वहीं, पुराने भवन में ओपीडी, मेडिकल सुपरिडेट कार्यालय,जच्चा बच्चा वार्ड,ओपीडी,मेडिकल,रक्त बैक, अल्ट्रा साऊडं, डेंटल,मेडिकल,ईएनटी,आयूर्वेद डाक्टर,बच्चाें के डाक्टरों के अलावा अन्य विभागों के कार्यालय स्थापित हैं।
वर्षा के दिनों में तो अस्पतालों में आवागमन करने वाले कर्मचारियों, मरीजों व सहायकों काे डर सताता रहता है कि कहीं छत पर या दीवारों से पुराने भवन का मलाबा ऊपर ना गिर जाये। अस्पताल कर्मियों ने कई बार इसकी शिकायत अस्पताल के अधिकारियाें से भी की है।
नागरिक अस्पताल के पुराने भवन में जीर्णोद्धार की जरूरत है। जिन हिस्सों में अधिक जरूरत है, वहां मरम्मत का काम कराया जाएगा। पुराने भवन के जीर्णोद्धार करवाने के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार के माध्यम से मांग कर चुके हैं। जल्दी ही आदेश आने के बाद मरम्मत का कार्य शुरू करवाया जाएगा, ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे। इस भवन के विकल्प के रूप में 200 बिस्तरों वाला अलग से नया भवन बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य 2022 में शुरू किया गया था। हालांकि इस भवन का निर्माण कार्य फिलहाल बंद है। पुराना टेंडर रद कर नए सिरे से निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। इन नए भवन के बनने के बाद इस समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। - डा.अशोक कुमार, सिविल सर्जन, जिला महेंद्रगढ़
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