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    Haryana Land Crack: हरियाणा के नारनौल में चौंकाने वाली घटना, रहस्यमय ढंग से कई किलोमीटर तक फटी जमीन

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sat, 11 Jul 2020 03:36 PM (IST)

    नारनौल क्षेत्र के गांव खेड़ी कांटी में शनिवार को सोमेश्वर मन्दिर (सुम्मा जोहड़) के निकट से लगभग 3 किलोमीटर तक जमीन फटने की रहस्यमय घटना हुई है। ...और पढ़ें

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    Haryana Land Crack: हरियाणा के नारनौल में चौंकाने वाली घटना, रहस्यमय ढंग से कई किलोमीटर तक फटी जमीन

    नारनौल/महेंद्रगढ़ [ज्ञान प्रसाद]। हरियाणा के नारनौल में शनिवार सुबह सो कर उठे लोगों को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब उन्हें कई किलोमीटर तक जमीन फटी दिखाई दी। इससे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है और लोग तरह-तरह के अनुमान लगा रहे हैं। जागरण संवाददाता के मुताबिक, जमीन फटने का यह मामला नारनौल क्षेत्र के गांव खेड़ी कांटी में आया है। दरअसल, शनिवार को सोमेश्वर मंदिर (सुम्मा जोहड़) के नजदीक से लगभग 3 किलोमीटर तक जमीन फटने की रहस्यमय घटना हुई है। वहीं, शनिवार को हुई घटना की सही वजह तो जांच के बाद ही सामने आएगी, मगर सच्चाई सामने आने से पहले जितने मुंह उतनी बातें चल रही हैं। वैसे अचानक 3 से 4 किलोमीटर दूर तक जमीन का धंसना रहस्य तो है ही।

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    महेंद्रगढ़ जिले में इससे पूर्व एक दशक पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है, हालांकि अभी घटना का सही कारण पता नहीं लग पाया है। कुछ लोग इसे प्राकृतिक हलचल से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यहां से पेयजल लाइन दबाई गई थी  और अब बारिश के कारण उसकी मिट्टी धंस गई है। ऐसे में यहां पर जमीन फटी हुई नजर आ रही है।

    गौरतलब है कि लगभग एक दशक पूर्व खटोटी खुर्द की सीमा में डोहरकलां वाले रास्ते के सामने नारनौल सिंघाना मार्ग के नजदीक दोहन नदी तटबंध की तरफ भी जमीन फटने की घटना हुई थी। उसे अरावली की हलचल से भी जोड़कर देखा गया था।

    जानकारों की मानें तो अधिक संभावना यही है कि दरार किसी भूगर्भीय हलचल का परिणाम है। लोगों का यह भी कहना है कि कुछ दिन पूर्व आए भूकंप के बाद ही दरार आई है। जिस जगह पर दरार आई है उस तरफ ग्रामीण अक्सर आते जाते नहीं है। शुक्रवार को कुछ बच्चे उस ओर गए थे, तब इस बात की जानकारी सामने आई।

    वहीं, ज्यादातर लोग इसे अत्यधिक भूजल दोहन का परिणाम भी मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में हो रही इस तरह की घटनाएं किसी आपदा का पूर्व संकेत है। सरकार को इसकी गहराई में जाना चाहिए।