अब स्कूल से बाहर बच्चों को भी मिलेगा मिड-डे-मील, हरियाणा के इस जिले में शिक्षा से जोड़ने की नई पहल
महेंद्रगढ़ जिले में अब आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों को भी मिड-डे-मील मिलेगा। 15 सितंबर से 15 मार्च 2026 तक चलने वाले विशेष कार्यक्रम में अक्षर ज्ञान और बुनियादी शिक्षा दी जाएगी। जिले में 14 विशेष प्रशिक्षण केंद्र खुलेंगे जहां बच्चों को भोजन और शिक्षा मिलेगी। वर्तमान में 38 हजार विद्यार्थी मिड-डे-मील का लाभ उठा रहे हैं।

विपिन कुमार, नारनौल। अब जिले में वे बच्चे भी मिड-डे-मील से वंचित नहीं रहेंगे जो किसी कारणवश नियमित विद्यालय नहीं आ पा रहे हैं। राज्य शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जारी आदेश के तहत महेंद्रगढ़ जिले में भी ऐसे बच्चों को छह माह तक मिड-डे-मील दिया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य न सिर्फ पोषण मुहैया कराना है, बल्कि बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना भी है। शिक्षा विभाग के अनुसार, यह वे बच्चे हैं जिनका नाम स्कूल पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाया या दाखिला होने के बावजूद वे नियमित रूप से विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे।
ऐसे बच्चों को "ऑउट ऑफ स्कूल" श्रेणी में शामिल किया गया है। विभाग का मानना है कि जब बच्चों को मिड-डे-मील जैसी सुविधा मिलेगी तो वे शिक्षा की ओर आकर्षित होंगे और पढ़ाई छोड़ने की प्रवृत्ति में कमी आएगी।
छह माह तक चलेगा विशेष कार्यक्रम
15 सितंबर से 15 मार्च 2026 तक चलने वाले इस विशेष कार्यक्रम में बच्चों को अक्षर ज्ञान, शब्द पहचान और आधारभूत शिक्षा दी जाएगी, ताकि छह महीने बाद वे सहजता से स्कूल की पढ़ाई जारी रख सकें। वर्तमान में जिले के लगभग 38 हजार विद्यार्थी मिड-डे-मील का लाभ उठा रहे हैं। नई व्यवस्था से अब पढ़ाई से वंचित बच्चे भी पोषण और शिक्षा दोनों का लाभ उठा पाएंगे।
14 विशेष प्रशिक्षण केंद्र संचालित
कार्यक्रम के तहत महेंद्रगढ़ जिले में 14 विशेष प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) संचालित होंगे, जो विद्यालय परिसरों में ही चलेंगे। इन केंद्रों पर बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय बुलाकर भोजन दिया जाएगा और पढ़ाई करवाई जाएगी।
वर्तमान में महेंद्रगढ़ जिले में 14 विशेष प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) खोलने की मंजूरी मिली है और फिलहाल पांच केंद्र शुरू हो चुके, शेष नौ जल्द शुरू करने की विभाग की कवायद जारी है।
एसटीसी केंद्रों की तैयारी
- महेंद्रगढ़ जिले में 14 विशेष प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) खोलने की मंजूरी।
- फिलहाल 5 केंद्र शुरू हो चुके, शेष 9 जल्द शुरू होंगे।
- शिक्षा स्वयंसेवकों की नियुक्ति की गई, सभी को अस्थायी नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
- प्रत्येक केंद्र चलाने के लिए 25 बच्चों की अनिवार्य शर्त।
- शिक्षा स्वयंसेवकों को दोबारा सर्वे कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश कि आसपास कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे।
योजना के तहत छह महीने तक बच्चों को भोजन दिया जाना है। 15 सितंबर से 15 मार्च 2026 तक चलने वाले इस विशेष कार्यक्रम में बच्चों को अक्षर ज्ञान, शब्द पहचान और आधारभूत शिक्षा दी जाएगी, ताकि छह महीने बाद वे सहजता से स्कूल की पढ़ाई जारी रख सकें। - हरमेंद्र सिंह, एपीसी, समग्र शिक्षा विभाग, नारनौल
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