DAP खाद के लिए मची मारामारी, किसानों की लंबी कतारें; निराश होकर लौट रहे किसान
महेंद्रगढ़ में बारिश के बावजूद किसानों को खाद के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा। उनकी बाजरा और कपास की फसलें खराब हो गई हैं फिर भी उन्हें डीएपी खाद के लिए मारामारी करनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि सरसों की बिजाई के लिए अभी समय है लेकिन समय पर खाद नहीं मिल रही है।

जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़। शहर के रेलवे रोड पर बारिश के बावजूद किसानों को खाद के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा और उन्हें काफी देर बाद खाद मिली। जबकि किसानों की बाजरा व कपास की फसल खराब हो गई है। इसके बावजूद किसानों को डीएपी खाद के लिए मारामारी करनी पड़ रही है।
बुधवार को जैसे ही किसानों को पता चला कि रेलवे रोड कार्यालय में डीएपी खाद पहुंच गई है तो किसानों की लंबी कतारें लग गई। किसानों का कहना है कि सरसों की बिजाई के लिए अभी एक माह का समय बाकी है, लेकिन समय पर खाद न मिलने के कारण मारामारी करनी पड़ रही है।
किसान रामनिवास पाटोदा का कहना है कि करीब तीन साल से किसानों को जरूरत के समय लाइन में खड़ा होना पड़ता है, चाहे वह डीएपी हो या यूरिया। सरसों की बिजाई में कोई परेशानी न आए, इसके लिए किसान डीएपी खरीद रहे हैं।
किसान प्रवीण कुमार का कहना है कि बारिश के बाद भी किसान अपनी लाइनों में खड़े होकर डीएपी खाद खरीद रहे हैं। किसान कंवर लाल का कहना है कि अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सरसों की बिजाई शुरू हो जाएगी। अब रबी सीजन की तैयारी में पहले से ही खाद का प्रबंध करना होगा। क्योंकि कपास और बाजरे की फसलें खराब हो गई हैं।
हैफेड प्रबंधक जगराम यादव का कहना है कि हैफेड गोदाम में 300 बैग डीएपी पहुँच चुके थे। जिनका वितरण कर दिया गया है। किसानों की ज़रूरत के अनुसार 30 हज़ार बैग डीएपी की माँग ऊपर तक भेज दी गई है।
-हैफेड प्रबंधक जगराम यादव
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