Haryana के इस जिले में धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन, आंखें मूंदे बैठे अधिकारी
हरियाणा और राजस्थान सीमा के पास अरावली क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन जारी है। खनन माफिया मशीनों से मिट्टी खोद रहे हैं जिससे पहाड़ी क्षेत्र की प्राकृतिक बनावट को नुकसान हो रहा है। प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह अवैध काम चल रहा है क्योंकि दोनों राज्यों के अधिकारी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

संवाद सहयोग, मंडी अटेली (महेंद्रगढ़)। हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर स्थित विजय नगर के पास अरावली क्षेत्र में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन पूरे जोरों से चल रहा है। खनन माफिया खुलेआम अर्थ मूअर मशीनों और ट्रैक्टर-ट्रालियों की मदद से इस पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं। इससे न केवल पहाड़ी क्षेत्र की प्राकृतिक संरचना को नुकसान हो रहा है, बल्कि गहरी खाइयों के कारण भूमि का असंतुलन भी तेजी से बढ़ रहा है।
वहीं, सबसे गंभीर चिंता यह है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह अवैध कार्यवाही लगातार जारी है। जब इस मुद्दे पर हरियाणा के अधिकारियों से सवाल किया जाता है, तो वे इसे राजस्थान की सीमा बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।
वहीं, राजस्थान के अधिकारी इसे हरियाणा की सीमा बता कर अपनी भूमिका से बचते नजर आते हैं। इस आपसी तालमेल की कमी और स्पष्ट जिम्मेदारी तय न होने का फायदा खनन माफिया बखूबी उठा रहे हैं।
स्थानीय लोगो का कहना है कि पिछले कई महीनों से यहां रात-दिन मिट्टी की खुदाई चल रही है। कई स्थानों पर तो इतनी गहरी खाईयां बन चुकी हैं कि वहां अब पशुओं या ग्रामीणों का चलना भी जोखिम भरा हो गया है। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्र के वनस्पति, जल स्रोत और वन्य जीव भी इस अवैध खनन से प्रभावित हो रहे हैं।
पर्यावरणविदों का मानना है कि अरावली श्रृंखला हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों के पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इस प्रकार का अंधाधुंध खनन नहीं रुका तो आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र बंजर हो जाएगा, जिसका सीधा असर मानसून, भूजल स्तर और स्थानीय कृषि पर पड़ेगा।

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