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    'उम्मीद करता हूं... टिकट मिल जाएगी', पहले CM की कुर्सी और अब नई डिमांड; BJP के सामने 'राव' बने चुनौती!

    Updated: Wed, 11 Sep 2024 03:06 PM (IST)

    मैं ओम प्रकाश जी का पर्चा भरवाने के बाद रामबिलास जी के घर जाऊंगा और उम्मीद करता हूं तब तक पार्टी उनको टिकट दे देगी। यह कहना है केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का। इससे पहले उन्होंने सीएम की कुर्सी पर बड़ा दावा ठोका। बता दें BJP ने 90 सीटों में से 87 पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। अभी तीन सीट बची है। जिनमें से एक महेंद्रगढ़ भी शामिल है।

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    Haryana News: क्या महेंद्रगढ़ सीट से रामविलास शर्मा मिलेगा टिकट? फाइल फोटो

    बलवान शर्मा, नारनौल। Haryana Election 2024: भाजपा ने प्रदेश की 87 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर दी है। केवल तीन सीटों पर अभी भी संशय बना हुआ है। इन तीन सीटों में से एक महेंद्रगढ़ की सीट भी शामिल है। इसके अलावा फरीदाबाद एनआईटी और सिरसा है।

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    महेंद्रगढ़ सीट पर भाजपा ने अभी भी प्रत्याशी का नाम नहीं घोषित किया है। पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा (Ram Bilas Sharma) की घरेलू सीट पर पहली बार ऐसा हुआ है कि टिकट बांटने वाले को ही सर्वाधिक इंतजार करना पड़ गया है।

    इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने पहले पहले मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बड़ा दावा ठोक दिया और अब टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के सामने नई डिमांड रख दी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि रामबिलास शर्मा के घर जाऊंगा और उम्मीद करता हूं। तब पार्टी उन्हें टिकट दे देगी।

    भाजपा ने इस बार पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव की टिकट को लेकर खूब धड़कने बढ़ाई। दूसरी सूची में नाम शामिल होने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है। भाजपा की ओर से दूसरी सूची जारी करने से पहले ही उनके पास केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) ने फोन करके नामांकन पत्र दाखिल करने की बात कह दी थी।

    इससे टिकट को लेकर इंटरनेट मीडिया पर चल रही बहस को विराम चिन्ह भी लग गया, क्योंकि चर्चा थी कि ओमप्रकाश यादव (Om Prakash Yadav) को टिकट दिलवाने में किसने योगदान दिया है। इंटनरेट मीडिया पर तो यह भी चर्चा थी कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने उनसे दूरी बना ली। जैसे ही केंद्रीय मंत्री ने सूची जारी होने से पहले ही ओमप्रकाश यादव को फोन करके सूचना दी तो विरोध वाली चर्चाओं को विराम लग गया।

    गौरतलब है कि भाजपा की पहली सूची में केवल दो प्रत्याशियों के नामों की ही घोषणा की गई थी। इनमें नांगल चौधरी से डा. अभय सिंह यादव और अटेली से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव शामिल हैं। 

    ओमप्रकाश यादव के नाम को होल्ड कर दिया गया था। इस वजह से पिछले एक सप्ताह के दौरान ओमप्रकाश यादव व उनके समर्थकों की धड़कने बढ़ गई थी और निराशा का सामना करना पड़ रहा था। मंगलवार उनके लिए मंगल साबित हुआ और आखिरकार टिकट मिल ही गया है।

    अभी यह भी तय नहीं है कि पार्टी हाईकमान उन पर ठंडी नजर रखेगा भी या नहीं। सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल रामबिलास शर्मा को टिकट देने के पक्ष में नहीं हैं। इस वजह से उनको टिकट के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। यह स्थिति तो तब है, जब पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा दो दिन पहले महेंद्रगढ़ में शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं।

    इस प्रदर्शन के दौरान वह हाईकमान के विरुद्ध भाषण बाजी से बचते नजर आए। यदि उनका टिकट कटता है तो उस स्थिति में उनके लिए बड़ा निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ सकता है। महेंद्रगढ़ से मनीष राव को टिकट मिलने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। देखने वाली बात यह होगी कि हरियाणा में 2014 में भाजपा की सरकार बनाने वाले पूर्व मंत्री प्रो रामबिलास का राजनीतिक भविष्य किस ओर जाता है।

    भाजपा प्रत्याशी की प्रोफाइल

    प्रत्याशी का नाम- ओमप्रकाश यादव

    उमर 67 साल

    शिक्षा -बीएससी एग्रीकल्चर

    राजनीतिक अनुभव -10 साल

    अपराधिक पृष्टभूमि- कोई नहीं

    राजनीतिक करियर-दो बार विधायक बने। 2019 से 2024 तक मंत्री भी रहे।

    यादव वोट बैंक पर भरोसा

    2014 से ओमप्रकाश यादव नारनौल से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में अहीर मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। करीब 41 हजार अहीर मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने दूसरी सूची में ओमप्रकाश यादव का नाम शामिल कर लिया है। पहली सूची में उनका नाम नहीं देने से इस क्षेत्र में संशय पैदा हो गया था।

    इस बीच चर्चाएं रही कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने उनसे नाराजगी जताई। हालांकि मंगलवार को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने ही ओमप्रकाश यादव को सबसे पहले टिकट मिलने से संबंधित सूचना दी।

    दावेदारी में पिछड़ गए नए चेहरे

    नारनौल विधानसभा क्षेत्र से कई दावेदार मुकाबले में थे। भाजपा के जिला अध्यक्ष दयाराम यादव टिकट हासिल करने के लिए प्रयासरत थे। इनके अलावा सैनी समाज से जेपी सैनी, भारती सैनी, और कमलेश सैनी के अलावा अग्रवाल समाज से गोपालशरण गर्ग, ब्राह्मण समाज से पूर्व जिला अध्यक्ष शिवकुमार मेहता और एडवोकेट राकेश कुमार शर्मा टिकट की दौड़ में थे।

    टिकट मिलने की वजह

    पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव वैसे तो केंद्रीयमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खेमे से आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ नजदीकियों की खबरों की वजह से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने थोड़ी दूरी बनानी शुरू कर दी थी, लेकिन बाद में ओमप्रकाश यादव ने अपने संबंध बहाल करने में कामयाबी हासिल कर ली। इस टिकट को दिलवाने में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल मदद कर रहे थे और बाद में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का सहयोग मिल गया।

    तीन बड़ी चुनौती

    1. ओमप्रकाश यादव के लिए दावेदारों को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती रहेगी।

    2.सोमवार को सैनी समाज ने निर्दलीय प्रत्याशी उतारने की घोषणा की थी। विधानसभा में दूसरे नंबर की सबसे बड़ा समाज होने के चलते यदि कोई निर्दलीय प्रत्याशी उतरता है तो ओमप्रकाश यादव के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

    3. पिछले पांच साल में शहर के हालात नहीं सुधरने पर उन्हें जनता को जवाब देना होगा।

    तीन मजबूत पक्ष

    1. अहीर समाज से संबंध होना।

    2.टिकट को लेकर खींचतान और कुछ दिन पूर्व उनके इकलौते बेटे के निधन की वजह से सहानुभूति मिल सकती है।

    3. आम आदमी के साथ दोस्ताना व्यवहार भी उनकी मजबूती है।

    पिछली बार 2019 जीत का अंतर -14715

    भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश को वोट मिले- 42732

    जजपा प्रत्याशी कमलेश सैनी को - 28017

    कांग्रेस प्रत्याशी राव नरेन्द्र सिंह -25007