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    Narnaul में DIC Office का इंस्पेक्टर 60 हजार रुपये लेता वीडियो में कैद, ACB ने दर्ज किया केस

    Updated: Mon, 05 May 2025 04:20 PM (IST)

    नारनौल के DIC ऑफिस का एक इंस्पेक्टर PMGEP के तहत लोन दिलवाने के लिए 60 हजार रुपये लेते हुए कैमरे में कैद हो गया। भाखरी गांव के एक युवक ने उसका वीडियो बनाकर ACB को शिकायत दी। एसीबी ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है।

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    DIC ऑफिस के इंस्पेक्टर पर स्वरोजगार लोन दिलाने के नाम पर पैसे लेते का लगा है आरोप।

    जागरण संवाददाता, नारनौल: DIC Office का एक इंस्पेक्टर Prime Minister's Employment Generation Programme (PMEGP) के तहत ऋण दिलवाने के नाम पर 60 हजार रुपये लेते हुए कैमरे में कैद कर लिया गया। गांव भंडारी के ऋण लेने वाले युवक ने वीडियो बनाकर  Anti Corruption Bureau (ACB) को देकर शिकायत की थी।

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    ACB ने आरोपित इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस रिकार्डिंग की सत्यता की पुष्टि दैनिक जागरण नहीं कर रहा है। वीडियो में आरोपित इंस्पेक्टर नोटों की गड़्डी लेते हुए दिखाई दे रहा है।

    गांव भांखरी के रहने वाले सन्नी यादव ने एसीबी पंचकूला स्थित मुख्यालय पर 26 फरवरी को इस मामले में शिकायत दी थी। उसका कहना है कि वह रोजगार की तलाश में था। तब उसे PMEGP के तहत स्वरोजगार के लिए सरकार से लोन दिए जाने की जानकारी मिली।

    इस योजना में 35 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है और फार्म ऑनलाइन जमा होते हैं। जिस पर उसने 17 अक्टूबर 2023 को PMEGP पोर्टल पर आवेदन कर दिया है और उसे मोबाइल पर कंफर्मेशन का मैसेज भी मिल गया। इसके बाद डीआईसी कार्यालय निजामपुर रोड नारनौल पहुंचा।

    कार्यालय में उसकी मुलाकात इंस्पेक्टर राकेश से हुई। राकेश ने 10 लाख रुपये का लोन पास करने की बात कही। इंस्पेक्टर ने कहा कि 60,000 रुपये फीस लगेगी, जो नकद देनी होगी । इस पर सन्नी यादव ने आरोपित इंस्पेक्टर 60 हजार रुपये दे दिए, जिसमें 200 रुपये के 100 और 500 रुपये 80 नोट थे। पैसे देते वक्त उसने अपने मोबाइल फोन से इसे रिकार्ड कर लिया और एसीबी से शिकायत की है।

    शिकायकर्ता ने कहा कि अब उसे पता चला कि 60 हजार रुपये लोन की फीस के नहीं थे, बल्कि राकेश यादव ने उससे धोखाधड़ी की थी। इस रकम को लेने के बाद भी उसका लोन पास नहीं नहीं हो रहा था।  जिस पर उसने राकेश यादव से कहा कि वह उसे परेशान कर रहा है और इसकी शिकायत की जाएगी। जिस पर इंस्पेक्टर ने 14 हजार रुपये पेटीएम के जरिये 14 फरवरी 2024 को लौटा दिए।

    इंस्पेक्टर राकेश यादव के पास महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद का अतिरिक्त चार्ज है। आरोप है कि वह लोन पास करवाने के नाम पर लोगों को चूना लगा रहा था। बताया जा रहा है कि एसीबी की प्राथमिक जांच में आरोप सही मिले हैं। 

    इंस्पेक्टर बोला- शिकायतकर्ता है उसका रिश्तेदार, उसे फंसाना चाहता है

    इस मामले में आरोपित इंस्पेक्टर राकेश यादव ने कहा कि उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। आरोप पूरी तरह से झूठ हैं। शिकायतकर्ता मेरा दूर का रिश्तेदार है और वह जानबूझकर फंसाना चाहता है। उसकी तीन बुआ की मेरे गांव डेरोली अहीर में शादी हुई है। यदि मेरे खिलाफ कोई FIR दर्ज हुई है तो न्यायालय की शरण लूंगा। 

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