सुपर-100 परीक्षा में मीडियम अंग्रेजी आया, बच्चों ने स्कूलों में पढ़ा हिन्दी
शिक्षा विभाग की ओर से सुपर-100 की आज आयोजित परीक्षा में प्रश्न पत्र अंग्रेजी माध्यम में दिया गया जबकि इस परीक्षा में केवल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही हिस्सा ले सकते हैं और सरकारी स्कूलों में हिदी माध्यम में पढ़ाया जाता है।
संवाद सहयोगी, मंडी अटेली:
शिक्षा विभाग की ओर से सुपर-100 की आज आयोजित परीक्षा में प्रश्न पत्र अंग्रेजी माध्यम में दिया गया, जबकि इस परीक्षा में केवल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही हिस्सा ले सकते हैं और सरकारी स्कूलों में हिदी माध्यम में पढ़ाया जाता है। हिदी पढ़े और अंग्रेजी विषय में पेपर दें यह बात सुपर-100 में देखने को मिली है। अभिभावकों ने इस प्रकार की परीक्षा करवाने पर शिक्षा विभाग से नाराजगी जताई है। सलीमपुर के अभिभावक जसवंत सिंह ने बताया कि उनकी बेटी बहुत होशियार थी, लेकिन केवल अंग्रेजी माध्यम में पेपर होने से वह प्रश्न हल नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि हैरान करने वाली बात है कि पढ़ाया हिदी में जाता है और पेपर अंग्रेजी मीडियम में लिया जाता है। इससे बच्चे का टैलेंट का पता कैसे पता चल पाएगा। हालांकि मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाया जाता है। लेकिन अगर मॉडल स्कूलों को देखकर ही यह परीक्षा करवाई जाती है तो दूसरे स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए धोखा होगा। जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त से बात की गई तो उन्होंने कहा कि परीक्षा में मीडियम दोनों होने चाहिए, तभी बच्चों के टैलेंट का पता चल पाएगा। हिदी मीडियम वाला बच्चा अंग्रेजी मीडियम में सवाल को पूरी तरह सही नहीं समझ पाता है। हालांकि यह परीक्षा अंग्रेजी मीडियम से होती है। ऐसे में बच्चे मीडियम की तैयारी स्वयं भी करते है।
क्या है सुपर-100 परीक्षा
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थी जो दसवी कक्षा में 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक अर्जित किए है। सुपर-100 परीक्षा में बैठ सकता है। इस योजना में विद्यार्थियों के लिए फ्री कोचिग के साथ-साथ फ्री एजुकेशन दी जाती है। विद्यार्थियों के लिए इंजीनियर और मेडिकल की तैयारी के लिए निशुल्क शिक्षा दी जाती है। मेडिकल और नॉन मेडिकल के 100 विद्यार्थियों का चयन अलग-अलग जिलों से किया जाता है। मेडिकल व नॉन मेडिकल के 50-50 विद्यार्थियों को इसमें जगह दी जाती है। छात्रों को सरकार की ओर से नीट व जेईई के लिए मुफ्त कोचिग दी जाती है। उनके रहने-खाने का प्रबंध सरकार की ओर से होता है।
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