आतंकवादियों से मुकाबला करने पर मेजर अधिराज सिंह को पठानकोट में मिला सेना मेडल
राष्ट्रीय राइफल आर्म्ड कौर की 21 वीं बटालियन के मेजर अधिराज सिंह को उनकी बेहतर सेवाओं के चलते सेना मेडल से नवाजा गया है।

संवाद सूत्र, कनीना: राष्ट्रीय राइफल आर्म्ड कौर की 21 वीं बटालियन के मेजर अधिराज सिंह को उनकी बेहतर सेवाओं के चलते सेना मेडल से नवाजा गया है। मेजर अधिराज सिंह कनीना से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया कि 25 जून 2020 को सेना की ओर से आपरेशन चलाया गया था, इस दौरान छिपे हुए आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिग कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद आतंकवादी भागने लगे तो उन्होंने बिना किसी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किये आतंकवादियों से मुकाबला किया ओर उन्हें मार गिराया। उनकी ओर से जवाबी कार्रवाई नहीं की जाती तो शायद वे बचकर निकल जाते। उनकी बहादुरी व शौर्य को देखते हुए सेना मेडल से नवाजा गया है। शुक्रवार को पठानकोट स्थित पश्चिमी कमांड इंवेस्टिटयूरे सेंटर में आयोजित समारोह में मेजर लवलिना की उपस्थिति में लेफ्टिनेंट जनरल लव खंडूरी ने उन्हें मेडल प्रदान किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कनीना के पूर्व पार्षद मोहन सिंह ने बताया कि मेजर अधिराज के परदादा भैरों सिंह को भी वीरता का प्रतीक आइडीएसएम जंगी मेडल मिला था। उनके पिता कर्नल महेंद्र सिंह ने कारगिल युद्ध के समय वीरता का परिचय दिया था। अधिराज सिंह के भाई विश्व राज सिंह भी 86 बटालियन में मेजर के पद पर कार्यरत हैं। वीरता की मिसाल बने मेजर अधिराज सिंह की हाल ही में 21 फरवरी को दिल्ली में शादी हुई है। हरियाणा विधान सभा की पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने कहा कि मेजर अधिराज सिंह बहादुरी का दूसरा नाम है। आतंकवादी उनके नाम से भय खाते हैं। सेना मेडल मिलने पर उन्होंने खुशी जताई है। सेना की ओर से आयोजित समारोह में सेना मेडल प्रदान किया गया है। जिसे लेकर कनीना एवं आसपास के जनता में खुशी व्याप्त है।

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