महेंद्रगढ़ पहुंची इस्कान की संपूर्ण भारत पदयात्रा
पिछले 38 वर्षों से देशभर में भ्रमण कर रही इस्कान की संपूर्ण भारत पदयात्रा को रथ में श्री गोर निताईं के गौरवशाली श्रीविग्रह विराजमान महेंद्रगढ़ शहर पहुंची।

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ :
पिछले 38 वर्षों से देशभर में भ्रमण कर रही इस्कान की संपूर्ण भारत पदयात्रा को रथ में 'श्री गोर निताईं ' के गौरवशाली श्रीविग्रह विराजमान महेंद्रगढ़ शहर पहुंची। महेंद्रगढ़ पहुंचने पर क्षेत्र के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। इस्कान के भक्तों द्वारा इस यात्रा के माध्यम से अध्यात्म का प्रचार किया गया, वहीं लोगों को भगवत गीता तथा हरि नाम के जाप की पुस्तकें भी वितरित की। इस बारे में जानकारी देते हुए आचार्य दास प्रबंधक व भद्र बलराम दास इस्कान संपूर्ण भारत पदयात्रा ने बताया कि इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य भटकती युवा पीढ़ी को जागरूक कर उन्हें धर्म का मार्ग दिखाना है। उनका मानना है कि ऐसा करने पर जहां लोग धर्म के प्रति जागरूक होंगे जिससे आपसी भाईचारे को भी बढ़ावा मिलेगा और देश भी सुरक्षित रह पाएगा। इस यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों को को गो सेवा करने के लिए भी प्रेरित किया। उनका कहना था कि पश्चिमी देशों के लोगों ने भी अब हरि नाम को सभी कार्य करने शुरू कर दिया है तो ऐसा भारत में क्यों नहीं जहां भविष्य भक्ति का भक्ति की निर्मल सरिता से प्रभावित होती है। पावन भूमि पर अध्यात्म की अलग जगाने के लिए यह पदयात्रा की जा रही है जो बीते वर्ष 1984 से निरंतर जारी है। जिसमें नियंत्रण हरे कृष्णा महामंत्र का जाप चलता रहता है या यात्रा द्वारका, बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी व रामेश्वर आदि अनेकों धार्मिक स्थानों पर लोगों को धर्म के प्रति जागरूक कर चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि 2.55 लाख किलोमीटर पदयात्रा पूरी कर चुके हैं। यह पदयात्रा अभी तक 6 बार पूरे देश का भ्रमण कर चुकी है। सातवीं बार भ्रमण पर द्वारिका धाम से यह पदयात्रा शुरू की गई थी जो द्वारका धाम से शुरू होकर वृंदावन से होती हुई महेंद्रगढ़ पहुंची। इस यात्रा के मुख्य संचालक परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज के आशीर्वाद से पिछले 38 वर्षों से यह यात्रा चल रही है जो गांव-गांव में धर्म के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है ताकि उनका जीवन सुख में व्यतीत हो सके।
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