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    ...तो क्या IPS अधिकारी को अभय चौटाला ने मारे थे 39 जूते? रिटायर्ड अफसर का वीडियो वायरल

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:48 PM (IST)

    महेंद्रगढ़ के सेवानिवृत्त आईपीएस रामसिंह यादव का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने इनेलो सरकार के दौरान अभय चौटाला पर 2003 में 39 जूते मारने का आरोप लगाया है। यादव ने बताया कि 1995 में सिरसा में रास्ता रोको आंदोलन के दौरान अजय और अभय चौटाला को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 2000 में सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया, जहाँ चौटाला ने उन्हें प्रताड़ित किया।

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    गुजरात कैडर के सेवानिवृत आइपीएस अधिकारी रामसिंह यादव ने अभय चौटाला पर पीटे का आरोप लगाया है।

    जागरण संवाददाता, नारनौल। महेंद्रगढ़ जिले के गांव शोभापुर के रहने वाले गुजरात कैडर के सेवानिवृत आइपीएस अधिकारी रामसिंह यादव का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दैनिक जागरण ने पूर्व आइपीएस अधिकारी से बात की तो उन्होंने पुष्टि की कि इनेलो की सरकार के दौरान उनको अभय सिंह चौटाला ने 17 दिसंबर 2003 को 39 छितर(जूते) मारे थे।

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    अभय सिंह चौटाला के विरोधियों ने इस वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित करना शुरू किया हुआ है। सेवानिवृत आइपीएस अधिकारी के इस बयान ने राजनीति को गर्मा दिया है।

    रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी रामसिंह यादव ने बताया कि 1993-94 में तत्कालीन भजनलाल सरकार उन्हें गुजरात कैडर से पांच साल के लिए डेपूटेशन पर हरियाणा लेकर आई थी। इस जुलाई 1995 में अजय सिंह चौटाला और उनके भाई अभय सिंह चौटाला ने सिरसा में रास्ता रोको आंदोलन चलाया था।

    इस मामले में रेलवे पुलिस ने उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी। इस मामले में रेलवे पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों भाईयों को गिरफ्तार किया था। उस समय वह सिरसा के एसपी थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद सन 2000 में इनेलो की सरकार आ गई। सरकार आने के बाद जींद के सफीदो पुलिस थाने में उनके विरुद्ध सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग करने के आरोप में एफआइआर दर्ज की गई।

    इस दौरान मंजीत सिंह अहलावत जींद के एसपी होते थे और समय राम कौशिक डीएसपी थे। उक्त अधिकारियों ने उन्हें 17 दिसंबर 2003 को उनको गिरफ्तार कर लिया और चौटाला पुलिस चौकी में ले गए। रामसिंह यादव का आरोप है कि थानेदार की कुर्सी पर अभय सिंह चौटाला बैठे हुए थे और उनको थर्ड डिग्री टार्चर दिया गया। खुद अभय सिंह चौटाला ने उनको 39 छितर (जूते) मारे थे। इस घटना के बाद उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई।