हरियाणा में अब सिर्फ इन लोगों को ही मिलेगी खाद, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
हरियाणा सरकार ने खाद वितरण नियमों में बदलाव किया है। अब 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को ही खाद मिलेगी। इस बदलाव का उद्देश्य खाद की कालाबाजारी रोकना और जरूरतमंद किसानों तक खाद पहुंचाना है। नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिसके तहत किसानों को अपनी जमीन और फसल का विवरण पोर्टल पर दर्ज कराना होगा।

हरियाणा सरकार ने खाद वितरण नियमों में बदलाव किया है।
जागरण संवाददाता, कनीना। अभी तक उर्वरक प्राप्तकर्ता विभिन्न माध्यमों से आधार कार्ड प्राप्त कर उर्वरक प्राप्त कर सकते थे। लेकिन, अब मेरी फसल मेरा ब्यौरा और उर्वरक पोर्टल को जोड़ दिया गया है, जिससे केवल मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत किसान ही उर्वरक प्राप्त कर सकेंगे।
हैफेड प्रबंधक वीरेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके कार्यालय में 1800 बैग डीएपी पहुंचे, जिनका वितरण शुक्रवार और शनिवार को दो दिनों में किया गया। किसानों से मिली जानकारी के अनुसार, कनीना उपमंडल की छह पैक्स/किसान सहकारी समितियों में भी डीएपी पहुंचता है, लेकिन कनीना में अभी तक कोई डीएपी नहीं पहुंचा है, जिससे किसानों में रोष है। किसानों का पैक्स से सीधा संबंध है।
किसान जसवंत सिंह, दिनेश कुमार, मनोज कुमार, सुरेश कुमार और महेंद्र सिंह ने बताया कि वे बार-बार पैक्स कार्यालय/किसान सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें डीएपी नहीं मिल पा रहा है। जहां किसानों को डीएपी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं डीएपी की कमी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है।
पैक्स प्रबंधक कृष्ण कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि अभी उनके लाइसेंस की प्रक्रिया नहीं हुई है। अभी लाइसेंस के लिए प्रक्रिया चल रही है, उम्मीद है कि जल्द ही लाइसेंस बन जाएगा, इसके बाद ही खाद मिल पाएगी।
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