उमर 76 साल और नौजवानों से दौड़ते हैं तेज
सफेद मूछ और सफेद बाल उमर 76 साल वृद्धावस्था की पहचान भले ही हों पर ये बुजुर्ग नौजवानों के छक्के छुड़वाने में माहिर हैं और रोजाना करीब 20 से 22 किलोमीटर दौड़ते हैं।

जागरण संवाददाता, नारनौल: सफेद मूछ और सफेद बाल, उमर 76 साल, वृद्धावस्था की पहचान भले ही हों पर ये बुजुर्ग नौजवानों के छक्के छुड़वाने में माहिर हैं और रोजाना करीब 20 से 22 किलोमीटर दौड़ते हैं। यह बात महज आपको ख्याली पुलाव ही नजर आएगा। लेकिन यह सच हो तो आपका हैरान होना लाजिमी है। जी हां नारनौल निवासी पूर्व सैनिक धर्मपाल चौधरी 76 साल की उमर में भी नौजवानों से तेज दौड़ते हैं। वे हर रोज सुबह चार बजे से छह बजे तक नित्य दौड़ लगाते हैं। असल में उनके दावे पर हम भी यकीन नहीं कर रहे थे पर गत सुबह चार बजे दैनिक जागरण के इस मुख्य संवाददाता को उन्होंने आमंत्रित किया। लघु सचिवालय के पीछे खाली मैदान में उन्होंने ठीक चार बजते ही दौड़ना शुरू कर दिया। शुरू के कुछ चक्कर लगाए तो ख्याल आया कि कुछ देर में ही बुजुर्ग को चक्कर आएंगे और गिर जाएंगे। हो सकता है कि इनको अस्पताल ले जाना पड़े। लेकिन असल में तो बुजुर्ग को न तो सांस चढ़ रही थी और न ही उनका संतुलन बिगड़ा। कब रुकेंगे, ये सोचते-सोचते सुबह का अंधेरा फटने लगा और दिन निकल आया। छह बजे गए। दो घंटे दौड़ने के बाद भी धर्मपाल चौधरी की न तो सांसें फूल रही थी और न ही बात करने में वे किसी प्रकार की परेशानी महसूस कर रहे थे।
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नियमित अभ्यास से ही हो पाया संभव
धर्मपाल चौधरी ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा कि असल में यह कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि नियमित अभ्यास से ही यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही गिनीज बुक आफ रिकार्ड के लिए भी आवेदन कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं को कहा कि आलस छोड़कर नियमित अभ्यास करें। हरियाणा और विशेषकर महेंद्रगढ़ जिले के युवाओं को कठिन परिश्रम करना चाहिए, ताकि वे देश की सेवा कर सकें और सेना की भर्तियों में आसानी से पास हो सकें। उन्होंने कहा कि उनकी शक्ति दौड़ लगाने से बढ़ती है और यही उनका भोजन भी है।
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