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स्वतंत्रता सेनानी हीरासिंह ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे: धर्मपाल चौधरी

आल इंडिया एक्स सर्विस मैन वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय धर्मपाल चौधरी ने चिडालिया निवासी स्वतंत्रता सेनानी हिरासिंह के निधन पर उनके गांव पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 06:18 PM (IST)
स्वतंत्रता सेनानी हीरासिंह ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे: धर्मपाल चौधरी
स्वतंत्रता सेनानी हीरासिंह ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे: धर्मपाल चौधरी

जागरण संवाददाता, नारनौल: आल इंडिया एक्स सर्विस मैन वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय धर्मपाल चौधरी ने चिडालिया निवासी स्वतंत्रता सेनानी हीरासिह के निधन पर उनके गांव पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हीरासिह का जन्म एक अप्रैल 1921 को हुआ था। एक जनवरी 1939 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की फौज में भर्ती हुए थे। उन्होंने सन 1944 में देश की आजादी के लिए बर्मा में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था। अंग्रेजों की सेनाओं को भारत से खदेड़ दिया। अंग्रेजों ने हीरासिह सहित आजाद हिद फौज को बागी घोषित कर दिया और उनको देखते ही गोली मारने के आदेश कर दिए। बहुत से सैनिकों को अंग्रेजों ने गोली से भून डाला था। बचे हुए लोगों को बर्मा की जेलों में डाल दिया। आजादी के बाद इनको जेलों से रिहा किया गया और भारत सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया। हीरासिह की उमर करीब 100 साल हो चुकी थी। केंद्र सरकार की ओर 50 हजार और हरियाणा सरकार की ओर से 29 हजार रुपये पेंशन दी जा रही थी। भारत सरकार की ओर से आजीवन स्वास्थ्य योजना का लाभ भी दिया जा रहा था। सुभाष चंद्रबोस की आजाद हिद फौज बहुत बहादुर सेना थी और उन्हीं की वजह से अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। उनका निधन को हो गया। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष मेजर ईश्वर सिंह, जिला अध्यक्ष कैप्टन वीरेंद्र सिंह सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने भी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान ग्रामीणों ने स्वतंत्रता सेनानी हीरासिह के नाम से सड़क और स्कूल का नाम रखने की मांग रखी। धर्मपाल चौधरी ने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को मंत्री के सामने रखा जाएगा।

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