सी आर्म मशीन के अभाव से मरीज हो रहे तंगहाल, निजी अस्पताल मालामाल
जिला में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में घायल युवा बुजुर्ग नारनौल के नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए दौड़ते हैं लेकिन विडंबना यह है कि नागरिक अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति होने के बावजूद भी मरीजों को निजी अस्पतालों में मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है।

प्रेमप्रकाश शर्मा, नारनौल: जिला में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में घायल युवा, बुजुर्ग नारनौल के नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए दौड़ते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि नागरिक अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति होने के बावजूद भी मरीजों को निजी अस्पतालों में मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है। अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल मरीज आता है तो प्राथमिक उपचार कर उसे रेफर करना पड़ता है। वहीं नागरिक अस्पताल में सी आर्म मशीन मिल जाए तो मरीजों के 40 से 50 हजार रुपये की बचत हो सकती है। हड्डी रोगियों की लगातार ओपीडी में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, परंतु नागरिक अस्पताल में हड्डी के आपरेशन के लिए सी-आर्म मशीन व आर्थो ओटी के आधुनिक उपकरणों की कमी है। इसके चलते हड्डी रोग विशेषज्ञ मरीजों के आपरेशन नहीं कर पा रहे हैं।
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दस से बारह लाख रुपये सी आर्म मशीन की है लागत :
जिला अस्पताल राजस्थान से सटा होने के कारण जिला के साथ पड़ोसी राज्य राजस्थान के सैंकड़ों मरीज भी उपचार लेने के लिए आते हैं। लेकिन नागरिक अस्पताल में आधुनिक उपकरणों का अभाव होने से निराश होकर निजी अस्पतालों में उपचार के लिए जाना पड़ता है। हालांकि हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. केके यादव के आने के बाद सवा माह में करीब सात आठ लोगों का आपरेशन किया है। लेकिन सी आर्म मशीन नहीं होने से चिकित्सकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सी आर्म मशीन दस से बारह लाख रुपये में आसानी से मिल जाती है।
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भामाशाह भी कर सकते हैं सहयोग :
जिला के नागरिक अस्पताल में अगर सी आर्म मशीन उपलब्ध हो जाती है तो सबसे ज्यादा गरीब तबके के लिए फायदेमंद होगी। अगर शहर के भामाशाह इस कार्य में आगे आते है तो जिलावासियों के लिए सबसे बड़ा तोहफा होगा। दस से बारह लाख की लागत में आसानी से अच्छी सी आर्म मशीन उपलब्ध हो जाएगी।
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क्या है सी आर्म मशीन :
सी आर्म एक छोटी एक्स-रे मशीन की तरह काम करती है। इस मशीन के सहयोग से चिकित्सक आपरेशन करते समय अंगों के थ्री-डी चित्र देख सकते हैं और टूटी हड्डी को जोड़ते समय प्लेट, राड लगाने की सही स्थिति का पता लगाते हैं। इस सी आर्म मशीन से यह पता लग जाता है कि स्क्रू, रॉड कहा लगानी है। इस सी आर्म मशीन की मदद से चिकित्सक आसानी हड्डी जोड़ सकता है।
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सवा माह में सात आठ मरीजों को बिना उपकरण आपरेशन किया है। जिसकी वजह से अब मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन सी आर्म मशीन नहीं होने से ज्यादातर मरीजों को रेफर करना पड़ता है। अगर प्रशासन की तरफ से जल्द सी आर्म मशीन उपलब्ध करवा दी जाए तो मरीजों को सस्ती दर पर शहर में ही उपचार मिल सकेगा। --केके यादव, हड्डी रोग विशेषज्ञ नागरिक अस्पताल नारनौल।
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