अब दूर हुए टेलीविजन क्रांति के जनक दूरदर्शन
फोटो संख्या 25 व 26 - नारनौल की लाल पहाड़ी पर स्थित केंद्र किया बंद ...और पढ़ें

बलवान शर्मा, नारनौल
करीब 31 साल पहले जिलावासियों का मनोरंजन करवाने वाले दूरदर्शन रिले केंद्र आखिरकार बंद हो गया है। जल्द ही इसके उपकरणों की निलामी होने जा रही है। किसी जमाने में टीवी क्रांति लाने वाला दूरदर्शन अब खुद के वजूद को लेकर संघर्ष कर रहा है। टीवी कार्यक्रम प्रसारण के लिए सूचना प्रसारण विभाग ने नारनौल की लाल पहाड़ी पर खुद की जमीन खरीद कर इस केंद्र की स्थापना की थी। 2002 में तत्कालीन केंद्रीय सूचना मंत्री स्व. सुषमा स्वराज ने इस केंद्र से डीडी मेट्रो की शुरुआत कर क्षेत्र को तोहफा दिया था। कई दशकों तक जिलेवासियों का मनोरंजन करने वाला यह केंद्र फिलहाल इंटरनेट मीडिया, केबल नेटवर्क और डीटूएच नेटवर्किंग से प्रतिस्पर्धा में काफी पिछड़ चुका था। करोड़ों के उपकरण कबाड़ में तब्दील होते जा रहे थे। आखिरकार दूरसंचार विभाग ने इसे बंद करने का फैसला किया। हालांकि दूरदर्शन के दर्शकों के लिए यह बहुत बड़ा झटका भी कहा जा सकता है। पहाड़ी की चोटी पर होने की वजह से इसकी प्रसारण क्षमता भी काफी बेहतर थी। एफएम के रूप में भी हो सकता है कामयाब
असल में दूरदर्शन रिले केंद्र के साथ भी अंबेसडर जैसी नामी कंपनियों की गाड़ी वाला ही नतीजा सामने आया है। बेहतरीन ब्रांड होते हुए भी समय के साथ बदलाव न कर पाना इसकी तालाबंदी के पीछे बड़ा कारण माना जा सकता है। अधिकारियों की अनदेखी की वजह से करोड़ों के उपकरणों की न तो देखरेख हो सकी और न ही इसका कोई बेहतर दूसरा उपयोग किया गया। इन हालात में तमाम सुविधा व उपकरण होते हुए भी विफलता का सामना करना पड़ा। केंद्र में अभी भी 100 वाट क्षमता का ट्रांसमीटर उपलब्ध है, जो कि 15से 20 किलोमीटर दूरी तक एफएम रेडियो के संचालन को कामयाब कर सकता है।कुछ लोग इसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं। देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में प्रयास रंग लाएंगे या फिर दूरदर्शन केंद्र के उपकरण निलाम हो जाएंगे। 1989 में की गई थी स्थापना
नारनौल की लाल पहाड़ी पर स्थित दूरदर्शन केंद्र की स्थापना सन 1989 में की गई थी। सन 2002 में तत्कालीन केंद्रीय सूचना मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां पर दूसरा ट्रांसमीटर स्थापित करवाकर डीडी मैट्रो शुरू करवाकर क्षेत्र को यह बड़ा तोहफा दिया था। पहाड़ी के ऊपर 45 मीटर ऊंचा टावर लगाया हुआ है। इसके साथ ही शानदार भवन इस क्षेत्र की सुंदरता को चार चांद लगा रहा है। लेकिन15 जुलाई 2020 को इस केंद्र का एक ट्रांसमीटर को बंद कर डीडी मैट्रो बंद कर दिया गया। इस दौरान शेष बचे एक ट्रांसमीटर से डीडी वन को भी बंद कर दिया गया और केवल हिसार दूरदर्शन केंद्र का प्रसारण जारी रखा गया था। लेकिन अब 31 अक्टूबर को केंद्र को ही बंद कर दिया गया है। ऐसे में दूरदर्शन के दर्शन करने के लिए दर्शकों को एमपीजी-4 रिसिवर लगाने होंगे, जो कि काफी महंगे। जल्द होंगे कर्मचारी अन्यत्र स्थानांतरित
नारनौल दूरदर्शन केंद्र पर फिलहाल चार कर्मचारी व अधिकारी तैनात थे। इनमें तीन तकनीशियन और एक सहायक अभियंता शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इन कर्मचारियों के अन्यत्र स्थानांतरित करने के आदेश आने वाले हैं। कार्यक्रमों के अभाव में करना पड़ा बंद
दूरदर्शन केंद्र के पास प्रसारण के लिए कार्यक्रमों का घोर अभाव हो गया था। इस वजह से केंद्र पर ताला लगाने की नौबत आ गई। हालांकि सूचना विभाग चाहता तो पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप स्कीम के तहत केंद्र को संचालित कर सकता था और करोड़ों रुपये के उपकरणों व भवन के रूप में हो रहे नुकसान को बचाया जा सकता है।

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