या देवी सर्व भूतेषु.....मां ग्यारस माता मंदिर खोड़
हरियाणा प्रदेश का पहला व देश का पांचवा ग्यारस माता मंदिर अटेली खंड के खोड़ गांव में स्ि
हरियाणा प्रदेश का पहला व देश का पांचवा ग्यारस माता मंदिर अटेली खंड के खोड़ गांव में स्थित है। यह मंदिर जन-जन की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्रों में यहां की छटा देखते ही बनती है। खोड़ के अलावा ग्यारस माता मंदिर राजस्थान के पुष्कर, मध्यप्रदेश में शुक्रताल, हिमाचल के रेणुका, बद्रीनाथ में स्थित है। साल के दोनों नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
इतिहास....
खोड़ के ग्यारस माता के मंदिर का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। करीब डेढ़ दशक पहले 15 नवम्बर 2002 को मंदिर की स्थापना की गई थी। इस मंदिर का निर्माण करवाने में गांव के चेत ¨सह का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। उन्होंने मंदिर के लिए भूमि दान में दी। इसके बाद वेद पटवारी के सहयोग से प्रतिमा की स्थापना की गई और हर साल मेले का आयोजन होने लगा। डेढ़ दशक में ही इस मंदिर की ख्याति आसपास के पूरे क्षेत्र में फैल चुकी है।
विशेषता...
मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर में हर दिन कच्चे नारियल का प्रसाद चढ़ता है। यही प्रसाद सुबह शाम भक्तों को वितरित किया जाता है। मंदिर में हवन का सिलसिला भी चलता रहता है। मंदिर को आधुनिक व भव्य आकार दिया गया है। जिले में ग्यारस माता का अन्य मंदिर नहीं होने से पूरे जिले के लोग यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।
ऐसे पहुंचे मंदिर....
अटेली से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित है गांव खोड़। नारनौल जिला मुख्यालय से बस या अपने निजी वाहन से अटेली पहुंचने के बाद टेम्पो से ग्यारस माता मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक टेम्पो की सेवा अनवरत रहती है। अटेली से पैदल भी पहुंचा जा सकता है।
वर्जन....
ग्यारस माता के मंदिर में नवरात्रों पर पूरे दिन भंडारा चलता रहता है। माता के दर्शन में कोई दिक्कत नहीं आए इसके लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है। नवरात्रों में विशेष पूजा अर्चना का दौर जारी रहता है। माता की प्रतिमा बहुत चमत्कारी है।
-- सतपाल चौहान, पूर्व सरपंच खोड़
प्रदेश में पहला मंदिर होने से यहां काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। माता के साक्षात दर्शन करने से मनोकामना पूर्ण होती है। माता से जो भी मन्नत मांगी जाती हैं उनको वे पूरा करती हैं। ग्यारस के दिन विशेष कृपा भक्तों पर बरसती है। माता के परिक्रमा लगाने पर दोषों का खात्मा होता है।
-जयपाल ¨सह, पुजारी, मां ग्यारस मंदिर
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