सीएचओ भर्ती की शर्तें आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए बनी परेशानी
जागरण संवाददाता नारनौल नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा द्वारा 787 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचअ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नारनौल: नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा द्वारा 787 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) की भर्ती में लगाई गई शर्तें आयुर्वेदिक चिकित्सकों को रास नहीं आ रही है। पहले तो नर्सिंग स्टाफ और बीएमएस डाक्टर की डिग्री व तनख्वाह बराबर कर दी गई और चिकित्सकों के अनुसार नई शर्तों के चलते हरियाणा की बजाय राजस्थान व पंजाब सहित अन्य राज्यों के आयुर्वेदिक चिकित्सकों को खुला निमंत्रण दिया गया है। ऐसे में हरियाणा आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अधिकार को ठेस पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है।
नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा ने 20 मार्च को स्वास्थ्य विभाग में 787 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर की पोस्ट निकाली है। इन पोस्ट के लिए बीएएमएस डिग्री ब्रिज कोर्स (बीपीसीएचएन सर्टिफिकेट) सहित और बीएसएसी नर्सिंग डिग्री की योग्यता जरूरी रखी गई है। केवल बीएएमएस और बीएससी नर्सिंग डिग्री धारक भी आवेदन तो कर सकेंगे पर उन्हे ब्रिज कोर्स के पांच अंकों से वंचित होना होगा।
हरियाणा के आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए परेशानी इस बात से खड़ी हो गई है कि एनएचएम द्वारा ब्रिज कोर्स के लिए पांच अंक अतिरिक्त देने की घोषणा की गई है, जबकि हरियाणा में ब्रिज कोर्स आयुर्वेदिक चिकित्सकों को करवाया नहीं जाता है। इसके साथ ही इस भर्ती के लिए डोमिसाइल को अनिवार्य नहीं किया गया है। इससे प्रदेश के करीब आठ से नौ हजार आयुर्वेदिक चिकित्सकों को बड़ा झटका लगने जा रहा है।
आयुर्वेद फेडरेशन ऑफ इंडिया हरियाणा ने इस बात पर भी हैरानी जताई है कि 2020-21 में एनएचएम द्वारा की गई 671 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर की भर्ती परीक्षा का परिणाम अभी तक निकाला ही नहीं है और नई भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है। फेडरेशन का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले दस साल के दौरान एक बार भी आयुर्वेदिक मेडिकल आफिसर की स्थायी भर्ती नहीं निकाली गई है। आयुष्मान भारत मिशन के तहत निकाली गई भर्तियों में भी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भर्ती की जानी थी, लेकिन एनएचएम ने प्रधानमंत्री के आयुष्मान भारत योजना की भी अनदेखी की है।
नेशनल हेल्थ मिशन के गाइडलाइन के तहत आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सरकार द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा के परिणाम के बाद ही ब्रिज कोर्स करवाया जाता है।
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आयुर्वेद फेडरेशन आफ इंडिया के हरियाणा संयोजक डा. राजीव गौड़ ने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा द्वारा 20 मार्च को 787 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पद के लिए जारी किए गए विज्ञापन की शर्तों से हरियाणा के 8-9 हजार आयुर्वेदिक चिकित्सकों में रोष है और इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई शर्तों से हरियाणा में अन्य राज्यों के चिकित्सकों को फायदा होगा और स्थानीय चिकित्सकों को भर्ती के मौके से वंचित होना होगा। ब्रिज कोर्स की शर्त लगाना भी अनुचित है, क्योंकि जब आयुर्वेदिक चिकित्सकों को यह कोर्स करवाया ही नहीं जा रहा है तो इस तरह की शर्त लगाना बेमानी है। डोमिसाइल फ्री करने की बजाय इस भर्ती में परिवार पहचान पत्र अनिवार्य किया जाना चाहिए। इससे प्रदेश सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना को बढ़ावा मिलेगा, वहीं हरियाणा के आयुर्वेद चिकित्सकों को भी राहत मिलेगी।

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