हीट स्ट्रोक व निमोनिया की चपेट में नवजात शिशु
सुनील कुमार, नारनौल : जिले में पिछले एक सप्ताह से पड़ रही प्रचंड गर्मी से हीट स्ट्रोक के मरीजों
सुनील कुमार, नारनौल :
जिले में पिछले एक सप्ताह से पड़ रही प्रचंड गर्मी से हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। बुजुर्ग व नवजात शिशु हीट स्ट्रोक व निमोनिया की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। अस्पताल में बच्चों की ओपीडी तो पहले से तीन गुना हो गई है और शिशु विभाग के सभी बेड फुल हो चुके हैं। हालात यह है कि एक बेड पर दो-दो शिशुओं को लिटाकर उपचार करना पड़ रहा है।
पिछले चार दिन से पारा 45 डिग्री के आसपास चल रहा है। यही पारा शिशुओं के लिए घातक साबित हो रहा है। हीट स्ट्रोक व निमोनिया के शिकार बच्चों की संख्या अस्पताल में एकाएक बढ़ गई है। नागरिक अस्पताल की ओपीडी तीन गुना हो गई है और अस्पताल के शिशु वार्ड फुल हो गए हैं। दो दिन से हालात और भी ¨चतनीय है।
शिशु रोगी बढ़ने से एक बेड पर दो-दो शिशुओं का इलाज किया जा रहा है। चिकित्सकों की माने तो इन दिनों बच्चों में पानी की कमी हो जाती है। बच्चे को पानी पिलाने की तरफ अभिभावक कम ध्यान देते हैं। इसके चलते नवजात शिशुओं व छोटे बच्चों में हीट स्ट्रोक हो जाता है। बच्चों को हमें समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए।
अभिभावक यह रखें सावधानी:
-हीट स्ट्रोक होने की स्थिति में बच्चे को उल्टी व दस्त की शिकायत होती है, इसलिए पानी पिलाते रहें।
-हल्का बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
-बच्चे को तेज धूप में नहीं लेकर जाएं।
-एसी या कूलर से बच्चे को एकाएक बाहर लेकर नहीं निकलें।
-ठंडे स्थान पर सुलाएं और नीचे गर्म कपड़े नहीं बिछाएं।
---------
वर्जन:
तेज गर्मी में बच्चे को प्यास लगती रहती है, लेकिन सामान्यतया अभिभावक इस ओर ध्यान नहीं देते। गर्मी से बचाव के लिए थोड़े अंतराल में बच्चे को पानी आदि तरल पदार्थ पिलाते रहना चाहिए। बच्चा बीमार होने पर घरेलू उपचार करने की बजाय तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
--डॉ. नवीन यादव, एमओ, नागरिक अस्पताल नारनौल।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।